गोड्डा जिले में शीतलहर का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। तापमान में गिरावट के चलते आठवीं कक्षा तक के स्कूल बंद कर दिए गए हैं, लेकिन आंगनबाड़ी केंद्र खुले होने के कारण छोटे बच्चों की सेहत खतरे में पड़ रही है। गोड्डा जिला कृषि मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक राजनीश प्रसाद राजेश के अनुसार, गोड्डा में आज का न्यूनतम तापमान 13.5 डिग्री सेल्सियस और हवा की रफ्तार 10 किलोमीटर प्रति घंटा रिकॉर्ड की गई। अधिकतम रफ्तार 21 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई है। इन परिस्थितियों में ठंड के कारण छोटे बच्चों के बीमार होने का खतरा तेजी से बढ़ रहा है।
आंगनबाड़ी केंद्रों में छुट्टी न होने से बढ़ा खतरा
आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को भेजने वाले माता-पिता काफी चिंतित हैं। पथरगामा के एक आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका पिंकी कुमारी ने बताया कि ठंड के बावजूद आंगनबाड़ी केंद्र खुले रहते हैं। उन्होंने कहा, “हमें कभी छुट्टी नहीं मिलती। छोटे बच्चे ठंड को सहन नहीं कर पाते। माता-पिता बच्चों को गर्म कपड़े पहनाकर भेजते हैं, लेकिन बच्चे उन्हें उतार देते हैं। इससे उनकी तबीयत खराब होने का डर बना रहता है।”
प्रशासन की अनदेखी से अभिभावक परेशान
बच्चों के माता-पिता ने शिकायत की है कि जब बड़े बच्चों के लिए स्कूल बंद किए जा सकते हैं, तो छोटे बच्चों के लिए आंगनबाड़ी केंद्र क्यों खुले रखे जा रहे हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों के बंद न होने से अभिभावकों में आक्रोश है। उनका कहना है कि ठंड के इस भीषण दौर में प्रशासन को बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।
ठंड में बढ़ती बीमारियों का खतरा
शीतलहर के दौरान बच्चों को सर्दी, जुकाम और बुखार जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड के कारण बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है, जिससे उन्हें संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद करना आवश्यक है ताकि बच्चों को ठंड से बचाया जा सके।
पूरे देश में ठंड का कहर
देशभर में ठंड का प्रकोप देखने को मिल रहा है। कई राज्यों में स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए गए हैं। गोड्डा जैसे ठंड प्रभावित जिलों में भी स्कूलों में छुट्टी की घोषणा हो चुकी है। इसके बावजूद आंगनबाड़ी केंद्रों को खुला रखना प्रशासन की उदासीनता को दर्शाता है। यह स्थिति छोटे बच्चों की सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है।
प्रशासन से अपेक्षा
अभिभावकों और सेविकाओं की मांग है कि प्रशासन जल्द से जल्द आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद करने का फैसला ले। बच्चों की सेहत और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए ठंड के इस प्रकोप से बचाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए।