डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति, ने एक बार फिर अपने बयान से वैश्विक मंच पर हलचल मचा दी है। ट्रंप ने साफ तौर पर कहा कि पनामा नहर और ग्रीनलैंड पर नियंत्रण अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह बयान उन्होंने राष्ट्रपति पद संभालने से कुछ ही दिनों पहले दिया, जब उनके बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर और सलाहकारों का प्रतिनिधिमंडल ग्रीनलैंड में मौजूद था। ट्रंप ने इस बात का स्पष्ट संकेत दिया कि इन क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए अमेरिकी सेना के इस्तेमाल का विकल्प खुला रखा गया है।
ट्रंप ने कहा, “पनामा नहर हमारे देश के लिए उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी हमारी आंतरिक सुरक्षा। ग्रीनलैंड, जो कि डेनमार्क का स्वायत्त क्षेत्र है, का न केवल भौगोलिक महत्व है, बल्कि यह नाटो (NATO) में हमारी स्थिति को मजबूत करता है।” उन्होंने यह भी इशारा किया कि कनाडा को अमेरिका में शामिल करने की योजना को वह आर्थिक बल के माध्यम से लागू करेंगे।
जो बाइडन पर आरोप और ग्रीन न्यू डील की आलोचना
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया मंच, ट्रुथ सोशल पर, जो बाइडन की नीतियों और सत्ता हस्तांतरण को लेकर तीखे आरोप लगाए। उन्होंने बाइडन पर आरोप लगाया कि वह सत्ता हस्तांतरण प्रक्रिया को जानबूझकर जटिल बना रहे हैं। ट्रंप ने बाइडन के हालिया कार्यकारी आदेशों को “जलवायु परिवर्तन की आड़ में धन की बर्बादी” करार दिया।
“ग्रीन न्यू स्कैम” कहकर ट्रंप ने बाइडन की नीतियों की तीखी आलोचना की और कहा कि यह देश के विकास को रोकने वाला कदम है। ट्रंप ने अमेरिका की तेल और प्राकृतिक गैस से संबंधित नीतियों में बाइडन द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को “देश की ऊर्जा सुरक्षा पर प्रहार” बताया।
वैश्विक शक्ति संतुलन में बदलाव का संकेत
डोनाल्ड ट्रंप का ग्रीनलैंड और पनामा नहर पर नियंत्रण पाने का विचार यह दिखाता है कि वह अमेरिका की वैश्विक स्थिति को और मजबूत करना चाहते हैं। इन क्षेत्रों पर अमेरिका का नियंत्रण रणनीतिक दृष्टिकोण से बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है।
पनामा नहर, जो अटलांटिक और प्रशांत महासागरों को जोड़ती है, वैश्विक व्यापार और सैन्य मूवमेंट के लिए महत्वपूर्ण है। वहीं, ग्रीनलैंड का आर्कटिक में बढ़ता महत्व, उसके प्राकृतिक संसाधन और सैन्य चौकियों की संभावना अमेरिका को वैश्विक शक्ति संतुलन में और ऊपर ले जा सकती है।