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Donald Trump: कनाडा को अमेरिका का हिस्सा बनाने पर तुले ट्रंप, भड़की कनाडा की सरकार

डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा और ग्रीनलैंड को लेकर दिए विवादित बयानों से अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। कनाडा और डेनमार्क ने अपनी संप्रभुता पर जोर देते हुए ट्रंप की मंशाओं को खारिज किया है।

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Donald Trump: कनाडा को अमेरिका का हिस्सा बनाने पर तुले ट्रंप, भड़की कनाडा की सरकार
Donald Trump

डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति, अपने विवादित बयानों के लिए मशहूर हैं। हाल ही में उन्होंने एक बार फिर ऐसा बयान दिया, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मच गई। ट्रंप ने न केवल कनाडा को अमेरिका का हिस्सा बनाने की इच्छा जताई, बल्कि सोशल मीडिया पर एक साझा नक्शा पोस्ट करते हुए उसे “संयुक्त राज्य अमेरिका” करार दिया। उनकी इस हरकत पर कनाडाई नेताओं और जनता ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की।

ट्रूडो का कड़ा विरोध

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ट्रंप के इस बयान की निंदा करते हुए स्पष्ट किया कि कनाडा कभी भी अमेरिका का हिस्सा नहीं बनेगा। ट्रूडो ने इसे कनाडा की संप्रभुता और मजबूत आर्थिक स्थिति पर हमला बताया। उन्होंने कहा, “कनाडा स्वतंत्र और आत्मनिर्भर राष्ट्र है। हमारे नागरिक अपने अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जॉली ने भी ट्रंप के बयान को “भ्रामक और अस्वीकार्य” करार दिया। उन्होंने कहा, “हमारी अर्थव्यवस्था और समाज खतरों का सामना करने में सक्षम हैं। कनाडा पर इस तरह के दबाव को हम कभी स्वीकार नहीं करेंगे।”

पनामा नहर और ग्रीनलैंड को लेकर ट्रंप की महत्वाकांक्षा

ट्रंप ने केवल कनाडा को लेकर ही विवादित बयान नहीं दिया, बल्कि पनामा नहर और ग्रीनलैंड पर अमेरिकी नियंत्रण की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि पनामा नहर और ग्रीनलैंड अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। ट्रंप ने ग्रीनलैंड को खरीदने का प्रस्ताव रखा और डेनमार्क पर दबाव बनाने के लिए टैरिफ लगाने की धमकी दी।

डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन ने ट्रंप के प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा, “ग्रीनलैंड बिक्री के लिए नहीं है। यह डेनमार्क और ग्रीनलैंड के लोगों की संप्रभुता का मामला है।”

पनामा के विदेश मंत्री जेवियर मार्टिनेज-आचा ने भी ट्रंप के बयान का कड़ा विरोध करते हुए कहा, “पनामा नहर हमारे ही नियंत्रण में रहेगी। इस पर किसी भी बाहरी ताकत का कोई अधिकार नहीं होगा।”

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं और संभावित प्रभाव

ट्रंप के इन बयानों ने न केवल अमेरिका-कनाडा के संबंधों को तनावपूर्ण बना दिया है, बल्कि अन्य देशों के साथ अमेरिका की कूटनीतिक स्थिति पर भी सवाल खड़े किए हैं। कनाडा और डेनमार्क जैसे देशों ने स्पष्ट रूप से अपने अधिकारों और संप्रभुता की रक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है।

विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के ये बयान वैश्विक राजनीति में अमेरिका की छवि को कमजोर कर सकते हैं। हालांकि, उनके समर्थकों का मानना है कि ये बयान अमेरिका की शक्ति और महत्वाकांक्षा को दर्शाते हैं।

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