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Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025 Schedule: एक ही चरण में होंगे दिल्ली में चुनाव, 5 फरवरी को मतदान, 8 को आएगा रिजल्ट

दिल्ली में चुनावी बिगुल बज चुका है। 13,033 मतदान केंद्र, 1.55 करोड़ वोटर और हाई-वोल्टेज सियासी मुकाबले के लिए तैयार है राजधानी। पढ़ें चुनाव का पूरा कार्यक्रम और जानें कौन है किस पर भारी।

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Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025 Schedule: एक ही चरण में होंगे दिल्ली में चुनाव, 5 फरवरी को मतदान, 8 को आएगा रिजल्ट

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 (Delhi Assembly Election 2025) के कार्यक्रम की घोषणा चुनाव आयोग ने कर दी है। चुनाव आयोग की इस घोषणा के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। आगामी विधानसभा चुनाव 70 सीटों पर होंगे और मतदान 5 फरवरी को एक ही चरण में संपन्न होगा। वोटों की गिनती 8 फरवरी को होगी।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों में से 58 सामान्य श्रेणी की हैं, जबकि 12 सीटें अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित हैं। इस बार चुनाव में राजधानी के 2697 स्थानों पर कुल 13,033 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें से 210 को मॉडल मतदान केंद्र के रूप में स्थापित किया जाएगा।

चुनाव कार्यक्रम का विस्तृत विवरण

चुनाव आयोग ने दिल्ली चुनाव के लिए नामांकन और मतदान से जुड़े प्रमुख कार्यक्रमों की भी घोषणा की।

  • नामांकन की अंतिम तिथि: 17 जनवरी
  • मतपत्रों की जांच: 18 जनवरी
  • नामांकन वापसी की अंतिम तिथि: 20 जनवरी
  • मतदान की तिथि: 5 फरवरी
  • मतगणना: 8 फरवरी

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि दिल्ली विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 23 फरवरी को समाप्त हो रहा है।

दिल्ली में मतदाताओं की स्थिति

दिल्ली चुनाव (Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025) को लेकर चुनाव आयोग ने हाल ही में मतदाताओं की अंतिम सूची जारी की। इस सूची के मुताबिक, दिल्ली में कुल 1 करोड़ 55 लाख 24 हजार 858 मतदाता पंजीकृत हैं। इनमें से 84 लाख 49 हजार 645 पुरुष मतदाता हैं, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 71 लाख 73 हजार 952 है।

युवाओं की भूमिका इस बार के चुनाव में भी महत्वपूर्ण रहेगी। 20-21 वर्ष आयु वर्ग के युवा मतदाताओं की संख्या 28.89 लाख है। इसके साथ ही, पहली बार मतदान करने वाले युवाओं की संख्या 2.08 लाख है।

आम आदमी पार्टी की हैट्रिक की तैयारी

दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) इस चुनाव में हैट्रिक बनाने के इरादे से मैदान में उतरेगी। 2015 में AAP ने 67 सीटों पर और 2020 में 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी। दूसरी ओर, भाजपा (BJP) लगातार दो चुनावों में दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर पाई है।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार का कार्यकाल भी इस चुनाव के साथ समाप्त होने वाला है। वे 18 फरवरी को सेवानिवृत्त होंगे। यह चुनाव उनकी नेतृत्व क्षमता की अंतिम परीक्षा माना जा रहा है।

राजनीतिक दलों के आरोप-प्रत्यारोप

दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। सभी पार्टियां अपने वायदों और रणनीतियों के साथ जनता को रिझाने में जुट गई हैं। आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच तीखे आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है।

हाल ही में आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा और संजय सिंह ने दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट से मुलाकात कर आरोप लगाया कि मतदाताओं के नाम बिना किसी कारण सूची से हटाए जा रहे हैं। हालांकि, नई दिल्ली जिला निर्वाचन अधिकारी ने इन आरोपों को आधारहीन बताया।

भाजपा और कांग्रेस की चुनौती

जहां भाजपा इस चुनाव में अपना प्रदर्शन सुधारने और दहाई का आंकड़ा पार करने की कोशिश करेगी, वहीं कांग्रेस के लिए यह चुनाव राजनीतिक पुनरुत्थान की लड़ाई है। 2020 के चुनाव में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था।

दिल्ली चुनाव का बड़ा दांव

इस चुनाव में सभी पार्टियां अपने एजेंडे और दावों के साथ मैदान में उतर रही हैं। बुनियादी सुविधाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली-पानी जैसे मुद्दों पर जोर दिया जा रहा है। आप पार्टी सरकार द्वारा शुरू की गई फ्री योजनाएं, भाजपा का राष्ट्रीय एजेंडा और कांग्रेस का पुराना अनुभव—तीनों ही दिल्ली के मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास करेंगे।

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