डिजिटल लेन-देन और ऑनलाइन बैंकिंग के बढ़ते उपयोग के साथ साइबर अपराध भी तेजी से बढ़ रहे हैं। साइबर अपराधी हर रोज नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। ऑनलाइन पेमेंट, यूपीआई ट्रांजेक्शन और फर्जी लिंक के माध्यम से कई लोगों के बैंक खाते से पैसे उड़ा लिए जाते हैं।
एसबीआई बैंक की चेतावनी
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने ग्राहकों को साइबर ठगी से बचने के लिए अलर्ट जारी किया है। बैंक ने बताया कि कई फर्जी वेबसाइट और लिंक, बैंक की आधिकारिक वेबसाइट की तरह दिखते हैं, जिनका उपयोग करके साइबर अपराधी ग्राहकों के बैंक खातों से पैसे निकाल लेते हैं।
बैंक ने विशेष रूप से यह सलाह दी है कि कोई भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और अपनी बैंकिंग डिटेल्स किसी के साथ साझा न करें। यदि किसी को संदेहास्पद लिंक प्राप्त होता है, तो तुरंत इसकी सूचना बैंक को दें।
फर्जी इन्वेस्टमेंट योजनाओं का जाल
हाल ही में साइबर अपराधियों ने लोगों को धोखा देने के लिए फर्जी इन्वेस्टमेंट स्कीम का सहारा लिया है। इन स्कीमों के जरिए निवेशकों को कम समय में अधिक रिटर्न का लालच दिया जाता है।
कैसे होती है ठगी?
- साइबर अपराधी सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स के जरिए लोगों को फर्जी इन्वेस्टमेंट स्कीम में निवेश करने के लिए प्रेरित करते हैं।
- 100 रुपये निवेश करने पर 200 रुपये और 500 रुपये लगाने पर 1000 रुपये रिटर्न देने का झांसा दिया जाता है।
- जब लोग अधिक निवेश कर देते हैं, तो स्कीम अचानक बंद हो जाती है और निवेशकों को पैसे वापस नहीं मिलते।
साइबर दोस्त की चेतावनी
गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम विंग के सोशल मीडिया हैंडल ‘साइबर दोस्त’ ने इस नए स्कैम के बारे में लोगों को सतर्क किया है। साइबर दोस्त ने बताया कि यह एक नई तरह की साइबर ठगी है, जिसमें कई लोग अपना पैसा गवां चुके हैं।
एसबीआई की सुरक्षा सलाह
एसबीआई बैंक ने अपने ग्राहकों से कहा है कि वे किसी भी फर्जी नौकरी, इन्वेस्टमेंट स्कीम या कमीशन ऑफर से बचें। बैंक ने निम्नलिखित सावधानियों को अपनाने की सलाह दी है:
ऑनलाइन ठगी से बचने के उपाय
संदिग्ध लिंक से बचाव
- किसी भी अनजान या संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
- किसी भी बैंकिंग वेबसाइट का यूआरएल ध्यानपूर्वक जांचें।
- लेन-देन के लिए केवल बैंक की आधिकारिक वेबसाइट का ही उपयोग करें।
बैंकिंग डिटेल्स गोपनीय रखें
- कोई भी बैंक ओटीपी, पासवर्ड या पिन नंबर नहीं मांगता है।
- कभी भी अपनी बैंकिंग जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
निवेश करने से पहले जांच करें
- किसी भी इन्वेस्टमेंट स्कीम में पैसे लगाने से पहले उसकी सत्यता की जांच करें।
- केवल विश्वसनीय स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें।
सुरक्षित नेटवर्क का उपयोग करें
- ऑनलाइन बैंकिंग के लिए हमेशा सुरक्षित और निजी नेटवर्क का उपयोग करें।
- सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क से बैंकिंग लेन-देन करने से बचें।
साइबर अपराध की रिपोर्ट करें
- यदि आपको किसी भी संदिग्ध गतिविधि का अनुभव होता है, तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन (www.cybercrime.gov.in) पर शिकायत दर्ज करें।
- किसी भी धोखाधड़ी की स्थिति में तुरंत अपने बैंक को सूचित करें।
बैंक की जागरूकता पहल
एसबीआई ने अपने ग्राहकों को ऑनलाइन फ्रॉड से बचाने के लिए कई जागरूकता अभियान शुरू किए हैं।
सोशल मीडिया अलर्ट: बैंक अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर नियमित रूप से सुरक्षा अपडेट्स और चेतावनियां जारी कर रहा है।
जागरूकता कार्यक्रम: बैंक ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में साइबर सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सेमिनार और कार्यशालाएं आयोजित कर रहा है।
ठगी से बचने की प्रेरणादायक कहानियां
कई लोगों को ऑनलाइन स्कैम के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ा है, लेकिन कुछ ने सतर्कता बरतकर खुद को ठगी का शिकार होने से बचाया है। इन कहानियों से हमें यह सीख मिलती है कि किसी भी अनजान ऑफर, लिंक या इन्वेस्टमेंट स्कीम में बिना जांच-पड़ताल किए निवेश न करें।
डिजिटल सुरक्षा का महत्व
डिजिटल युग में सतर्कता और सावधानी ही आपकी सुरक्षा की गारंटी है। साइबर अपराधी आपकी एक छोटी सी गलती का फायदा उठा सकते हैं, इसलिए हमेशा सतर्क रहें।
किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करने से पहले दो बार सोचें। डिजिटल लेन-देन करते समय अतिरिक्त सतर्कता बरतें।