![Consumer Court Online Complaint: कंज्यूमर कोर्ट में कैसे करते हैं केस, ऑनलाइन प्रॉसेस जानें](https://rcisgbau.in/wp-content/uploads/2025/02/Consumer-Court-Online-Complaint-1024x576.jpg)
भारत में उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए कई कानून और प्रावधान दिए गए हैं। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 और 2019 इसी उद्देश्य के लिए बनाए गए हैं। कई बार ऐसा होता है कि उपभोक्ता कोई प्रोडक्ट खरीदते हैं, लेकिन बाद में उन्हें एहसास होता है कि वह खराब है या फिर जो वादा किया गया था, वह पूरा नहीं हुआ। इस स्थिति में कई दुकानदार प्रोडक्ट को बदल देते हैं या रिफंड दे देते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो खराब सामान वापस लेने या रिफंड देने से इनकार कर देते हैं। ऐसी परिस्थिति में उपभोक्ता क्या कर सकते हैं, इस पर विस्तार से जानकारी दी जा रही है।
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खराब प्रोडक्ट पर रिटर्न और रिफंड न मिलने पर क्या करें?
जब कोई दुकानदार खराब प्रोडक्ट वापस लेने या रिफंड देने से इनकार करता है, तो उपभोक्ता को घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार ने इसके लिए कानूनी प्रावधान किए हैं, जिससे उपभोक्ता अपने अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं। यदि कोई दुकानदार खराब सामान वापस लेने से इनकार करता है, तो उपभोक्ता निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:
- कई बार दुकानदार प्रोडक्ट बदलने या रिफंड देने के लिए तैयार हो जाते हैं। इसलिए पहले उनसे शांति से बातचीत करें और बिल या प्रोडक्ट की वारंटी का हवाला दें।
- सरकार की ओर से उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबर 1800-11-4000 और 14404 जारी किए गए हैं, जहां पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
- अगर दुकानदार किसी भी तरह से मदद नहीं कर रहा है, तो उपभोक्ता कंज्यूमर कोर्ट में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
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कंज्यूमर कोर्ट में कैसे करें शिकायत?
आजकल कंज्यूमर कोर्ट में शिकायत दर्ज कराना पहले की तुलना में काफी आसान हो गया है। उपभोक्ता अपने घर बैठे ही ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें निम्नलिखित प्रक्रिया अपनानी होगी:
- सबसे पहले उपभोक्ता को कंज्यूमर कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- यदि आप नए उपयोगकर्ता हैं, तो आपको खुद को रजिस्टर करना होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजरनेम और पासवर्ड मिलेगा।
- यूजरनेम और पासवर्ड के माध्यम से लॉगिन करने के बाद ‘File a Complaint’ ऑप्शन पर क्लिक करें।
- इसमें आपको अपनी शिकायत से संबंधित पूरी जानकारी भरनी होगी। साथ ही, आपको आवश्यक दस्तावेजों को स्कैन करके अपलोड करना होगा।
- कंज्यूमर कोर्ट में शिकायत दर्ज कराने के लिए एक छोटी सी शुल्क राशि देनी होती है।
- जब आप फॉर्म सबमिट कर देंगे, तो आपको एक शिकायत नंबर दिया जाएगा, जिससे आप अपनी शिकायत की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं।
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कोर्ट कैसे करेगा फैसला?
शिकायत दर्ज होने के बाद, कंज्यूमर कोर्ट दोनों पक्षों को नोटिस भेजता है और उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका देता है। इसके बाद कोर्ट सबूतों के आधार पर निर्णय लेता है। यह निर्णय मुआवजा देने, रिफंड कराने, प्रोडक्ट बदलवाने या अन्य उपायों के रूप में आ सकता है।
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उपभोक्ता के लिए अन्य महत्वपूर्ण अधिकार
- राइट टू सेफ्टी (Right to Safety): उपभोक्ताओं को ऐसे प्रोडक्ट और सेवाओं का अधिकार है जो उनकी सेहत और सुरक्षा को नुकसान न पहुंचाए।
- राइट टू चॉइस (Right to Choose): उपभोक्ता को किसी भी प्रोडक्ट या सेवा को चुनने की आजादी होती है।
- राइट टू बी इन्फॉर्म्ड (Right to be Informed): कंपनियों को उपभोक्ताओं को पूरी और सही जानकारी देनी होती है।
- राइट टू बी हियर्ड (Right to be Heard): यदि उपभोक्ता के साथ धोखा हुआ है, तो उन्हें अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है।
- राइट टू ग्रीवांस रिड्रेसल (Right to Seek Redressal): उपभोक्ता को किसी भी प्रकार के शोषण से बचाने के लिए कानूनी मदद लेने का अधिकार है।