भारत सरकार ने देश में रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) को बढ़ावा देने और आम जनता को सस्ती तथा पर्यावरण-अनुकूल बिजली प्रदान करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (PM-Surya Ghar Muft Bijli Yojana) की घोषणा की है। यह योजना खासतौर पर छतों पर सोलर पैनल लगाने के लिए डिज़ाइन की गई है, जिससे घरों में बिजली की लागत में कमी लाई जा सके और पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित हो।
इस योजना के तहत सरकार ने दो विशेष भुगतान उपायों को शामिल किया है, जिनसे सोलर एनर्जी सिस्टम में निवेश करने वाले परिवारों को आर्थिक सहायता और सुरक्षा प्रदान की जाएगी। इसके लिए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने खास दिशानिर्देश जारी किए हैं।
योजना के दिशानिर्देश
योजना को अधिक प्रभावी बनाने और उपभोक्ताओं को सुरक्षित अनुभव प्रदान करने के लिए सरकार ने भुगतान सुरक्षा तंत्र (Payment Security Mechanism) और केंद्रीय वित्तीय सहायता (Central Financial Assistance) जैसे घटकों को लागू किया है।
1. भुगतान सुरक्षा तंत्र (PSM)
इस तंत्र के तहत, सरकार ने आरईएससीओ (RESCO) आधारित ग्रिड से जुड़े सोलर प्लांट में निवेश को जोखिम से मुक्त करने के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। यह राशि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की मंजूरी के बाद अन्य अनुदानों और स्रोतों से भी पूरक की जा सकती है। इसका मुख्य उद्देश्य निवेशकों को आर्थिक सुरक्षा देना और उपभोक्ताओं को सोलर पैनल लगाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
2. केंद्रीय वित्तीय सहायता (CFA)
योजना के तहत उपभोक्ताओं को छतों पर सोलर पैनल लगाने में सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा, 3 किलोवाट तक के आवासीय रूफटॉप सोलर (RTS) सिस्टम के लिए लगभग 7 प्रतिशत की ब्याज दर पर कोलैटरल-फ्री ऋण प्रदान किया जाएगा।
योजना के दो वैकल्पिक मॉडल
इस योजना में उपभोक्ताओं को छतों पर सोलर प्लांट लगाने के लिए दो वैकल्पिक मॉडल उपलब्ध कराए गए हैं। ये मॉडल उपभोक्ताओं की जरूरतों के आधार पर डिज़ाइन किए गए हैं:
1. आरईएससीओ मॉडल (RESCO Model)
इस मॉडल में तीसरे पक्ष की संस्थाएं (Third Party Entities) सोलर पैनल की स्थापना और संचालन का कार्य करती हैं। उपभोक्ताओं को अग्रिम भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होती। वे केवल उपयोग की गई बिजली के लिए भुगतान करते हैं। यह मॉडल उन उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद है, जो बिना कोई प्रारंभिक निवेश किए सोलर एनर्जी का लाभ उठाना चाहते हैं।
2. वितरण कंपनी आधारित मॉडल
इस मॉडल में वितरण कंपनियां (DISCOMs) या राज्य द्वारा नामित संस्थाएं व्यक्तिगत मकानों की छतों पर सोलर पैनल की स्थापना करेंगी। इस मॉडल के माध्यम से उपभोक्ता सीधे वितरण कंपनियों के साथ अनुबंध कर सकते हैं। यह मॉडल राष्ट्रीय पोर्टल-आधारित मौजूदा कार्यान्वयन के अतिरिक्त विकल्प के रूप में पेश किया गया है।
प्रधानमंत्री-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के लाभ
प्रधानमंत्री-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना न केवल उपभोक्ताओं को आर्थिक रूप से लाभान्वित करती है, बल्कि पर्यावरण को भी संरक्षित करती है। इस योजना के प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:
- छतों पर सोलर पैनल लगाने से परिवारों को मुफ्त बिजली उपलब्ध होगी। इससे उनकी ऊर्जा लागत में उल्लेखनीय कमी आएगी।
- सोलर एनर्जी का उपयोग करने से जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होगी, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और पर्यावरण स्वच्छ बनेगा।
- योजना के तहत सोलर एनर्जी पर आधारित बिजली उत्पादन से सरकार को बिजली की लागत में सालाना 75,000 करोड़ रुपये की बचत होने की उम्मीद है।
- योजना के तहत उपभोक्ताओं को सोलर पैनल लगाने के लिए सस्ती ब्याज दर पर ऋण प्रदान किया जाएगा। यह ऋण कोलैटरल-फ्री होगा, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग भी इस योजना का लाभ उठा सकेगा।
पर्यावरणीय और आर्थिक प्रभाव
इस योजना के लागू होने से न केवल घरों की ऊर्जा जरूरतें पूरी होंगी, बल्कि यह देश की रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) क्षमताओं को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। इसका प्रभाव दीर्घकालिक होगा, जिसमें जलवायु परिवर्तन से निपटने और हरित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।