![8th Pay Commission: CRPF ने 8वें वेतन आयोग पर दिए 12 अहम सुझाव – जानें क्या होंगे नए बदलाव!](https://rcisgbau.in/wp-content/uploads/2025/02/central-paramilitary-force-crpf-given-these-12-suggestions-on-terms-of-reference-of-8th-pay-commission-1024x576.jpg)
केंद्र सरकार द्वारा 16 जनवरी को 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन की घोषणा के बाद, वित्त मंत्रालय ने इसकी संभावित संदर्भ शर्तों (Terms of Reference – ToR) पर केंद्रीय गृह मंत्रालय से सुझाव मांगे हैं। गृह मंत्रालय ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (Central Paramilitary Forces) से भी इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। इसके तहत सीआरपीएफ (CRPF) उत्तराखंड सेक्टर ने अपनी ओर से 12 अहम सुझाव दिए हैं, जिनमें पुरानी पेंशन योजना (OPS), पैरामिलिट्री भत्ता, टैक्स-फ्री जोखिम भत्ता, टैक्स-फ्री राशन भत्ता, द्वितीय कमान अधिकारी (2IC) का पे स्केल लेवल 12 से 13 में अपग्रेड करने जैसे महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हैं।
वेतन आयोग की संदर्भ शर्तों का महत्व
वेतन आयोग की संदर्भ शर्तें किसी भी आयोग के गठन एवं उसके कामकाज के लिए एक आधारशिला की तरह काम करती हैं। इन शर्तों के तहत आयोग के कार्यक्षेत्र, डेटा संग्रह की प्रक्रिया और अन्य तकनीकी पहलुओं को परिभाषित किया जाता है। इससे नियोक्ता को कर्मचारियों की समस्याओं को समझने और समाधान निकालने में मदद मिलती है। केंद्रीय बलों ने अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी है, जिसे आगे वित्त मंत्रालय को भेजा जाएगा।
सीआरपीएफ के 12 महत्वपूर्ण सुझाव
सीआरपीएफ उत्तराखंड सेक्टर ने अपनी रिपोर्ट में कई अहम सुधारों की मांग की है। सीआरपीएफ ने वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर को कम से कम 2.86 करने का सुझाव दिया है, जिससे वेतन में संतोषजनक वृद्धि हो सके। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों को पैरामिलिट्री भत्ता दिए जाने की मांग की गई है, जिससे उनके आर्थिक लाभ में बढ़ोतरी हो। इसके अलावा, पुरानी पेंशन योजना (OPS) को पुनः लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। संगठन ने ‘वन रैंक वन पेंशन’ (OROP) को अर्धसैनिक बलों में लागू करने की भी मांग की है। बढ़ती महंगाई को ध्यान में रखते हुए, शिशु शिक्षण भत्ता बढ़ाने और इसे 12वीं से स्नातक तक लागू करने की मांग की गई है, साथ ही इसे आयकर मुक्त करने की सिफारिश की गई है।
सीआरपीएफ ने कार्मिकों को मिलने वाले राशन भत्ते को आयकर सीमा से बाहर रखने की मांग की है। इसी तरह, जोखिम भत्ते को भी टैक्स मुक्त किए जाने की आवश्यकता जताई गई है। केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को रोड टैक्स और वाहन टैक्स से मुक्त किए जाने की बात भी सुझावों में शामिल है। स्थानांतरण भत्ते के संबंध में, सीआरपीएफ ने मांग की है कि यह बटालियन मुख्यालय के आधार पर दिया जाए, न कि ग्रुप केंद्र के आधार पर।
इसके अलावा, द्वितीय कमान अधिकारी (2IC) के वेतनमान को पे स्केल लेवल 12 से बढ़ाकर 13 (पे बैंड-4) करने की मांग की गई है, जिससे सेना के समान वेतनमान सुनिश्चित किया जा सके। अधिकारियों के आवास भत्ते को अन्य रैंक के पीवीआर के बराबर करने की सिफारिश की गई है। अंत में, कार्मिकों के आश्रित माता-पिता की देखभाल के लिए एक विशेष अवकाश (स्पेशल लीव) का प्रावधान किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया गया है, जिससे जवानों को अपने परिवार की देखभाल के लिए अतिरिक्त सुविधा मिल सके।
ओपीएस (OPS) को लेकर केंद्रीय बलों की मांग
केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में पुरानी पेंशन योजना (OPS) को फिर से लागू करने की मांग जोर पकड़ रही है। ‘अलायंस ऑफ ऑल एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेज वेलफेयर एसोसिएशन’ समेत कई कर्मचारी संगठनों ने भी इस मांग का समर्थन किया है। वर्तमान में ओपीएस का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (CAPF) को ‘भारत संघ के सशस्त्र बल’ के रूप में मान्यता दी थी और एनपीएस (NPS) को खत्म करने की बात कही थी। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया था कि वर्तमान में नियुक्त या भविष्य में भर्ती होने वाले सभी जवान और अधिकारी ओपीएस के दायरे में आने चाहिए। हालांकि, केंद्र सरकार ने इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में स्थगन (Stay) ले लिया है।
डिजिटल तकनीक से तेजी से पूरा होगा वेतन आयोग का काम
पहले वेतन आयोग की रिपोर्ट तैयार करने में दो साल से अधिक का समय लग जाता था। 1990 के दशक में इस प्रक्रिया में 18 महीने लगते थे। पहले आयोग के सदस्य वेतनमान की तुलना करने के लिए विदेशी दौरे करते थे, जिससे समय अधिक लगता था। लेकिन अब डिजिटल तकनीक के कारण इस प्रक्रिया में तेजी आने की संभावना है। अन्य देशों की अर्थव्यवस्था और वित्तीय नीतियों का अध्ययन अब ऑनलाइन किया जा सकता है। इस बार केंद्र सरकार ने वेतन आयोग की सिफारिशों को एक वर्ष के भीतर लागू करने का लक्ष्य रखा है।
वित्त मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट
सीआरपीएफ समेत अन्य केंद्रीय बलों ने अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंप दी है, जिसे अब वित्त मंत्रालय के पास भेजा जाएगा। रिपोर्ट में वेतन संबंधी सुधारों के अलावा, कार्मिकों की जीवनशैली, जोखिम, और वित्तीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को भी शामिल किया गया है। केंद्रीय बलों की मांगों को लेकर सरकार की प्रतिक्रिया पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।