भारत सरकार हर साल बजट में डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स में बदलाव कर कई वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों को प्रभावित करती है। इस बार बजट 2025 को लेकर आम जनता और इंडस्ट्री के लोगों की खास दिलचस्पी इस बात में है कि पेट्रोल और डीजल सस्ता होगा या नहीं। बीते साल सरकार ने एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मंत्रालय को 1.19 ट्रिलियन रुपये का बजट आवंटित किया था। लेकिन इसके साथ ही पेट्रोलियम सब्सिडी में कटौती की गई थी।
इस बार कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) ने सरकार से फ्यूल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने की सिफारिश की है। यदि सरकार इस सुझाव को मानती है, तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में गिरावट आ सकती है। इसके अलावा, यदि सरकार पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का फैसला करती है, तो पूरे देश में इनकी कीमत समान हो सकती है। हालांकि, जीएसटी से संबंधित घोषणाएं बजट में नहीं की जातीं, लेकिन बजट में इसके संकेत मिल सकते हैं।
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दवाओं की कीमतों में कटौती की उम्मीद?
बीते बजट में सरकार ने कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली तीन प्रमुख दवाओं पर सीमा शुल्क में छूट दी थी। इस बार संभावना है कि सरकार बड़ी बीमारियों की दवाओं पर टैक्स में छूट दे या उन्हें पूरी तरह करमुक्त कर दे। अगर ऐसा होता है, तो आम जनता को महंगी दवाओं से राहत मिल सकती है और हेल्थकेयर अधिक किफायती हो सकता है।
मोबाइल और चार्जर होंगे सस्ते?
इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में सरकार का लगातार फोकस बना हुआ है। पिछले बजट में मोबाइल और चार्जर पर कस्टम ड्यूटी को 15% तक घटाया गया था, जिससे इन उत्पादों की कीमतों में कुछ राहत मिली थी। साथ ही, सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 15,500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था। इस साल भी सरकार का ध्यान सेमीकंडक्टर्स और मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग पर रहने की उम्मीद है। यदि सरकार कस्टम ड्यूटी और टैक्स में कटौती करती है, तो मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की कीमतें घट सकती हैं।
किन सेक्टर्स पर रहेगा सरकार का फोकस?
बजट 2025 में सरकार महंगाई, रोजगार और आर्थिक विकास जैसे प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगी। पिछले साल के बजट में पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और सस्टेनेबिलिटी पर अधिक जोर दिया गया था, जबकि इस साल सरकार रेलवे, एविएशन, हेल्थकेयर, हॉस्पिटैलिटी और डेटा सेंटर जैसे क्षेत्रों में निवेश बढ़ा सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर जोर देगी, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। इसके अलावा, सरकार छोटे और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए नई योजनाओं की घोषणा कर सकती है, जिससे व्यापारियों को वित्तीय सहूलियत मिल सके।
क्या महंगा हो सकता है?
सरकार द्वारा कई उत्पादों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने की संभावना जताई जा रही है। विशेष रूप से, लग्जरी कार, सोना, चांदी, विदेशी इलेक्ट्रॉनिक्स, और आयातित शराब पर टैक्स बढ़ सकता है। इससे इन वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि हो सकती है।