देश में वायु प्रदूषण का संकट हर दिन गंभीर होता जा रहा है। विशेष रूप से दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का स्तर 400 के पार पहुंच गया है, जिससे लोगों का सांस लेना भी दूभर हो गया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि डीजल वाहनों से होने वाला उत्सर्जन इस स्थिति के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है। सरकार अब इस मुद्दे पर सख्त कदम उठाने के लिए तैयार है, और 2027 से डीजल वाहनों की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध का प्रस्ताव इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की गंभीरता
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-4) लागू किया गया है। इसके तहत निर्माण कार्यों पर रोक, डीजल वाहनों के उपयोग पर सख्ती, और स्वास्थ्य परामर्श जैसे कई कदम उठाए गए हैं। डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने अस्थमा और अन्य सांस संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोगों को घर के अंदर रहने और सुबह की सैर से बचने की सलाह दी है। इस संकट के बीच, डीजल वाहनों का उत्सर्जन वायु प्रदूषण को और बढ़ा रहा है, जिससे इनके खिलाफ कठोर कदम उठाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
2027 तक डीजल वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध
ऊर्जा संक्रमण सलाहकार समिति ने 2027 तक डीजल वाहनों की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। इसका उद्देश्य देश को इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की ओर स्थानांतरित करना है। इस सिफारिश के लागू होने पर डीजल वाहन निर्माता कंपनियों को उत्पादन बंद करना होगा। इसके साथ ही, सरकार ईवी पर सब्सिडी योजनाओं की घोषणा कर सकती है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को बढ़ावा मिलेगा।
10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में होगी शुरुआत
यह प्रतिबंध प्रारंभ में 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में लागू किया जाएगा। इसके बाद इसे पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। वर्तमान में 10 साल से पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध पहले से ही लागू है। लेकिन नए नियमों के तहत यह प्रतिबंध और सख्त हो सकता है।
डीजल वाहन खरीदने से पहले विचार करें
यदि आप इस समय डीजल वाहन खरीदने का विचार कर रहे हैं, तो यह निर्णय भविष्य में आपको आर्थिक और पर्यावरणीय नुकसान पहुंचा सकता है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि पेट्रोल, सीएनजी, या इलेक्ट्रिक वाहनों पर विचार करना बेहतर होगा, क्योंकि ये विकल्प लंबे समय में अधिक व्यावहारिक साबित होंगे।
ईवी वाहनों को बढ़ावा देने की रणनीति
सरकार का उद्देश्य एक पॉल्यूशन फ्री इंडिया बनाना है। इसके लिए रिन्यूएबल एनर्जी और ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ावा दिया जाएगा। इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी योजनाओं के साथ चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव
डीजल वाहनों पर प्रतिबंध का कदम न केवल पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्वास्थ्य समस्याओं को भी कम करेगा। वायु प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों पर लगाम लगाने के साथ, यह प्रतिबंध ग्रीन एनर्जी और क्लीन ट्रांसपोर्टेशन की ओर बढ़ने का एक बड़ा कदम होगा।