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मधुमक्खियों को भी पसंद नहीं आ रहा पाकिस्तान, इस वजह से भाग रही भारत

पाकिस्तान के शहद उद्योग पर छाए संकट ने एक अनोखी कहानी को जन्म दिया है। वहां की मधुमक्खियां भारत में पलायन कर रही हैं, जहां वे अधिक शहद बना रही हैं। कीटनाशकों के उपयोग और बेहतर पर्यावरणीय परिस्थितियों ने इस घटना को बढ़ावा दिया है। यह स्थिति न केवल शहद उद्योग बल्कि दोनों देशों के पारिस्थितिक संतुलन को भी प्रभावित कर रही है।

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मधुमक्खियों को भी पसंद नहीं आ रहा पाकिस्तान, इस वजह से भाग रही भारत
मधुमक्खियों को भी पसंद नहीं आ रहा पाकिस्तान

पाकिस्तान में हालात सिर्फ इंसानों को ही नहीं बल्कि अब प्रकृति के जीवों को भी हिला रहे हैं। हाल ही में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें पाकिस्तान के मधुमक्खी पालकों ने दावा किया है कि उनके देश की मधुमक्खियां अब सरहद पार करके भारत जा रही हैं। इसके पीछे की वजहें बेहद चौंकाने वाली हैं।

उर्दू न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के जंगलों और पहाड़ों से शहद इकट्ठा करने वाले यासीन चौधरी ने बताया कि देश में मधुमक्खियों की संख्या में तेजी से गिरावट आ रही है। उनका मानना है कि यह मधुमक्खियां या तो खत्म हो रही हैं या फिर भारत की ओर पलायन कर रही हैं।

मधुमक्खियों का भारत जाना और शहद की बढ़ी पैदावार

पाकिस्तान के नारोवाल इलाके में मधुमक्खी पालन करने वाले मोहम्मद आरिफ ने यह चौंकाने वाला खुलासा किया कि उनकी मधुमक्खियां सीमा पार जाकर भारतीय इलाकों से शहद इकट्ठा कर रही हैं। आरिफ ने बताया कि भारतीय पौधों से शहद की मात्रा और गुणवत्ता, पाकिस्तान की तुलना में कहीं अधिक है।

उन्होंने अपनी मधुमक्खियों को सीमा के करीब रखा, जहां से यह देखा गया कि वे भारतीय पेड़ों और फूलों पर जाती हैं और अधिक शहद बनाकर लौटती हैं। यह शोध उन्होंने व्यक्तिगत स्तर पर किया, जो कि पाकिस्तान के शहद उद्योग के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है।

भारत में मधुमक्खियों को क्या आकर्षित कर रहा है?

मोहम्मद आरिफ और यासीन चौधरी ने इसके पीछे कई संभावित वजहें बताई हैं। उनका कहना है कि भारत में कुछ खास किस्म के पौधे और पेड़ हैं जो मधुमक्खियों को आकर्षित करते हैं। इसके अलावा, पाकिस्तान में फसलों पर कीटनाशक दवाओं के बढ़ते उपयोग ने भी मधुमक्खियों के लिए खतरा पैदा कर दिया है।

भारत में प्राकृतिक संतुलन बेहतर है, जिससे मधुमक्खियों को वहां अनुकूल वातावरण मिल रहा है। यह स्थिति न केवल पाकिस्तानी मधुमक्खी पालकों के लिए चिंता का कारण है बल्कि एक बड़ा पारिस्थितिक सवाल भी खड़ा करती है।

शहद उद्योग पर इसका असर

पाकिस्तान के शहद उद्योग पर यह स्थिति गहरा असर डाल रही है। प्राकृतिक शहद की पहले ही कमी हो रही है, और अब मधुमक्खियों का पलायन इसे और गंभीर बना रहा है। जिन पालकों ने अपनी मधुमक्खियों को भारत के करीब रखा, वे अधिक शहद पा रहे हैं, लेकिन इसका समाधान सीमित है।

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