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बैंक वाले अब ग्राहकों पर इस काम के लिए नहीं बना पाएंगे दबाव, RBI बनाएगा सख्त नियम

💰 बैंकों की मिस-सेलिंग पर लगेगी लगाम! अब बैंक आपको जबरन इंश्योरेंस, म्यूचुअल फंड या अन्य फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स नहीं बेच पाएंगे। RBI के सख्त नियम ग्राहकों के लिए राहत लाएंगे। क्या आपका बैंक भी डाल रहा था दबाव? जानिए नए नियम और अपनी सुरक्षा के तरीके

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बैंक वाले अब ग्राहकों पर इस काम के लिए नहीं बना पाएंगे दबाव, RBI बनाएगा सख्त नियम
बैंक वाले अब ग्राहकों पर इस काम के लिए नहीं बना पाएंगे दबाव, RBI बनाएगा सख्त नियम

बैंकों द्वारा ग्राहकों पर फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स (Financial Products) खरीदने का दबाव बनाने की कई शिकायतें सामने आई हैं। कई बार बैंक अपनी सब्सिडियरी कंपनियों के फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स बेचने की कोशिश करते हैं, जबकि कुछ मामलों में वे अन्य कंपनियों के प्रोडक्ट्स को प्रमोट करते हैं और इसके बदले उन्हें अच्छा खासा कमीशन (Commission) भी मिलता है।

अब इस तरह की मिस-सेलिंग (Mis-selling) को रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) सख्त नियम बनाने की तैयारी कर रहा है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम. राजेश्वर राव (M. Rajeshwar Rao) ने साफ कहा है कि बैंकिंग क्षेत्र में ग्राहकों के साथ जबरदस्ती नहीं होने दी जाएगी और फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स की गलत बिक्री (Mis-selling of Financial Products) को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स की जबरन बिक्री (Mis-selling of Financial Products) अब एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जिससे ग्राहकों को नुकसान होता है। आरबीआई का यह कदम ग्राहकों के हित में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। जब नए नियम लागू होंगे, तो ग्राहक अपनी पसंद के अनुसार वित्तीय उत्पाद चुन सकेंगे, बिना किसी दबाव के।

ग्राहकों की शिकायतों पर RBI की सख्ती

आरबीआई को ग्राहकों से लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि बैंक उनसे जबरन इंश्योरेंस, म्यूचुअल फंड, लोन प्रोटेक्शन स्कीम्स, और अन्य फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स खरीदने के लिए दबाव डालते हैं। कई मामलों में बैंकों के कर्मचारी ग्राहकों को यह कहकर गुमराह करते हैं कि बिना इस प्रोडक्ट को खरीदे उनका लोन अप्रूव नहीं होगा या खाता जारी नहीं रहेगा।

डिप्टी गवर्नर एम. राजेश्वर राव ने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियों को रोकने के लिए कड़े नियम बनाए जाएंगे ताकि ग्राहक अपनी जरूरत के अनुसार स्वतंत्र रूप से वित्तीय उत्पादों का चयन कर सकें, न कि किसी दबाव या मजबूरी में।

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बैंकों को मिलेगा नया गाइडलाइन

आरबीआई जल्द ही बैंकों के लिए एक नया गाइडलाइन (Guideline) जारी करेगा, जिससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बैंक ग्राहकों को किसी भी प्रकार से मजबूर नहीं करें।

संभावित नियमों में शामिल हो सकते हैं:

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  • बैंकों को यह स्पष्ट करना होगा कि ग्राहक किसी भी फाइनेंशियल प्रोडक्ट को लेने या न लेने के लिए स्वतंत्र हैं।
  • कोई भी लोन अप्रूवल या बैंकिंग सर्विस किसी अतिरिक्त वित्तीय उत्पाद को खरीदने पर निर्भर नहीं होगी।
  • ग्राहक से पारदर्शी रूप से सभी शर्तें साझा की जाएंगी।
  • यदि किसी बैंक के खिलाफ मिस-सेलिंग की शिकायत सही पाई जाती है, तो उसे दंडित किया जाएगा।

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ग्राहकों के अधिकार और आरबीआई की चेतावनी

आरबीआई ने ग्राहकों को जागरूक रहने की सलाह दी है और यह सुनिश्चित करने को कहा है कि वे बिना पूरी जानकारी के किसी भी फाइनेंशियल प्रोडक्ट (Financial Product) को न खरीदें। यदि कोई बैंक दबाव डालता है, तो ग्राहक आरबीआई की शिकायत पोर्टल (RBI Complaint Portal) पर इसकी सूचना दे सकते हैं।

आरबीआई यह सुनिश्चित करना चाहता है कि बैंक सिर्फ बैंकिंग सेवाएं प्रदान करें और ग्राहक की वित्तीय जरूरतों के हिसाब से उन्हें उचित सलाह दें, न कि अपने फायदे के लिए प्रोडक्ट बेचें।

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बैंकों की भूमिका और मौजूदा स्थिति

फिलहाल कई बैंक इंश्योरेंस कंपनियों, म्यूचुअल फंड हाउस और अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ टाई-अप कर फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स बेचते हैं। यह एक बड़ा रिवेन्यू मॉडल (Revenue Model) बन गया है, जिससे बैंक मोटा कमीशन कमाते हैं। लेकिन, समस्या तब आती है जब ग्राहक को गुमराह किया जाता है या उन पर दबाव डाला जाता है।

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आरबीआई चाहता है कि बैंक फाइनेंशियल एडवाइजर (Financial Advisor) की भूमिका निभाने के बजाय, ग्राहक के हित में काम करें और पारदर्शिता बनाए रखें। आने वाले दिनों में नए नियम लागू होने के बाद बैंकों की यह मनमानी कम हो सकती है।

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