उत्तराखंड में डिजिटल सेवाओं को मजबूत करने और मोबाइल चोरी की समस्याओं को हल करने के लिए ‘संचार साथी’ ऐप को लॉन्च किया गया है। दूरसंचार विभाग की इस पहल ने पहले से मौजूद ‘संचार साथी पोर्टल’ को एक कदम आगे बढ़ाते हुए, इसे और अधिक उपयोगी और सुलभ बनाया है।
इससे पहले पोर्टल के जरिए उपयोगकर्ताओं को मोबाइल चोरी की शिकायत दर्ज करने और उनके मोबाइल फोन को ट्रैक करने की सुविधा दी गई थी। इस पहल के माध्यम से उत्तराखंड में अब तक 1,197 मोबाइल फोन पुलिस की मदद से रिकवर किए जा चुके हैं। दिल्ली में ऐप की लॉन्चिंग के बाद, यह सेवा अब और सरल हो गई है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग लाभ उठा सकें।
‘संचार साथी’ पोर्टल की सफलता
पिछले एक साल में, ‘संचार साथी पोर्टल’ पर उत्तराखंड के 11,979 उपयोगकर्ताओं ने मोबाइल चोरी की शिकायतें दर्ज कराई हैं। इनमें से 7,320 मोबाइल फोन की लोकेशन ट्रेस की गई है। इस डेटा से यह स्पष्ट होता है कि पोर्टल ने मोबाइल रिकवरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पुलिस और दूरसंचार विभाग के बीच समन्वय ने इसे और अधिक प्रभावी बनाया है।
ऐप कैसे बदल रहा है खेल?
अब ‘संचार साथी ऐप’ के जरिए उपयोगकर्ता यह पता लगा सकते हैं कि उनके नाम पर कितने मोबाइल कनेक्शन एक्टिव हैं। साथ ही, ऐप में नई सुविधाओं को जोड़ा गया है जैसे:
- इंट्रा सर्कल रोमिंग सेवा: अब निजी कंपनियों के टावरों से सभी नेटवर्क उपलब्ध होंगे, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी।
- इंटरनेट सेवा प्रदाता की जानकारी: उपयोगकर्ता अपने आसपास के इंटरनेट सेवा प्रदाताओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
क्यों महत्वपूर्ण है यह पहल?
उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में, जहां मोबाइल नेटवर्क और सुरक्षा बड़ी चुनौतियां हैं, यह ऐप न केवल डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम है बल्कि मोबाइल सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाने का भी जरिया है। इससे उपयोगकर्ताओं को अपने डिवाइस की सुरक्षा के प्रति अधिक सतर्क होने में मदद मिलेगी और दूरसंचार सेवाओं का लाभ उठाने में सहूलियत होगी।