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Land Registration New Rules 2025: भूमि रजिस्ट्रेशन में बड़ा बदलाव! अब सभी खरीदार और विक्रेता को मानने होंगे ये नए नियम

क्या आप जानते हैं कि बिना रजिस्ट्रेशन आपकी संपत्ति का कोई कानूनी अस्तित्व नहीं होगा? जानिए नए नियम, जरूरी दस्तावेज और जुर्माने की जानकारी, ताकि आपकी प्रॉपर्टी सुरक्षित रहे

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Land Registration New Rules 2025: भूमि रजिस्ट्रेशन में बड़ा बदलाव! अब सभी खरीदार और विक्रेता को मानने होंगे ये नए नियम
Land Registration New Rules 2025: भूमि रजिस्ट्रेशन में बड़ा बदलाव! अब सभी खरीदार और विक्रेता को मानने होंगे ये नए नियम

अचल संपत्ति (Real Estate) से जुड़े लेन-देन में रजिस्ट्रेशन (Registration) अनिवार्य होता है। भारत में पंजीकरण अधिनियम, 1908 (Registration Act, 1908) की धारा 17 के अनुसार, किसी भी अचल संपत्ति की बिक्री का रजिस्ट्रेशन जरूरी होता है यदि उसकी कीमत 100 रुपये से अधिक है। चूंकि वर्तमान समय में 100 रुपये में कोई संपत्ति नहीं खरीदी जा सकती, इसलिए हर अचल संपत्ति लेन-देन का रजिस्ट्रेशन आवश्यक होता है।

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कौन-कौन से लेन-देन में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है?

  • संपत्ति बिक्री (Property Sale): 100 रुपये से अधिक मूल्य वाली संपत्ति की बिक्री का रजिस्ट्रेशन जरूरी है।
  • गिफ्ट डीड (Gift Deed): भले ही यह एक मुफ्त हस्तांतरण हो, लेकिन कानूनी मान्यता के लिए इसका रजिस्ट्रेशन जरूरी है।
  • किराए या पट्टे पर दी गई संपत्ति (Lease Agreement): यदि संपत्ति 12 महीने से अधिक समय के लिए किराए पर दी जाती है तो इसे रजिस्टर कराना आवश्यक है।

विशेष परिस्थितियों में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया

यदि कोई व्यक्ति उप-पंजीयक (Sub-Registrar) कार्यालय नहीं जा सकता, तो अधिकारी को उसके निवास स्थान पर भेजा जा सकता है। संपत्ति में जमीन, इमारत, अपार्टमेंट और उनसे जुड़े अधिकार शामिल होते हैं।

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संपत्ति रजिस्ट्रेशन के लिए जरुरी दस्तावेज

  • संपत्ति बिक्री या गिफ्ट डीड से जुड़े दस्तावेज।
  • 100 रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति के आर्थिक लेन-देन से संबंधित दस्तावेज
  • वार्षिक या उससे अधिक अवधि के लिए संपत्ति पट्टा (Lease Agreement)
  • 1882 के संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम (Transfer of Property Act, 1882) की धारा 53-ए के तहत संपत्ति के अनुबंध दस्तावेज

2025 में संपत्ति रजिस्ट्रेशन के वैकल्पिक दस्तावेज

पंजीकरण अधिनियम, 1908 की धारा 18 के तहत कुछ दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य नहीं है, लेकिन इसे कानूनी सुरक्षा के लिए किया जा सकता है:

  • वसीयत (Will): अनिवार्य नहीं, लेकिन कानूनी मान्यता के लिए बेहतर।
  • 11 महीने तक के किराए या लीज समझौते (Rent/Lease Agreement): यही कारण है कि अधिकतर किराए के अनुबंध 11 महीनों के लिए होते हैं।
  • कोर्ट आदेश (Court Order) यदि संपत्ति की कीमत 100 रुपये से कम हो
  • बिक्री प्रमाण पत्र (Sale Certificate): नीलाम संपत्ति की खरीद का प्रमाण पत्र होता है, लेकिन स्वामित्व नहीं देता।
  • बंधक समझौता (Mortgage Deed): वैकल्पिक लेकिन कानूनी सुरक्षा के लिए फायदेमंद।
  • वचन-पत्र (Promissory Note): किसी को भुगतान का वादा करने वाला दस्तावेज, जिसे रजिस्टर करना आवश्यक नहीं।
  • राजस्व अधिकारी द्वारा संपत्ति विभाजन का दस्तावेज: यह सरकारी मान्यता प्राप्त होता है, इसलिए इसे रजिस्टर कराने की जरूरत नहीं।

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2025 में संपत्ति रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया

  1. रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन:
    • संबंधित उप-पंजीयक कार्यालय (Sub-Registrar Office) में आवेदन करें।
    • विक्रेता और खरीदार के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता के साथ दो गवाहों की उपस्थिति अनिवार्य।
  2. पहचान प्रमाण (Identity Proof):
    • आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि दस्तावेज आवश्यक।
    • यदि प्रतिनिधि दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर रहा है, तो पावर ऑफ अटॉर्नी (Power of Attorney) अनिवार्य है।
    • यदि कोई कंपनी इसमें शामिल है, तो बोर्ड प्रस्ताव (Board Resolution) और अन्य संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।
  3. स्टांप शुल्क (Stamp Duty) और रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान:
    • स्टांप शुल्क प्रत्येक राज्य में अलग-अलग होता है।
    • अधिकांश राज्यों में महिलाओं के लिए स्टांप शुल्क में छूट दी जाती है।
    • रजिस्ट्रेशन चार्ज संपत्ति मूल्य का 1% होता है (अधिकतम 30,000 रुपये)।
  4. रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद:
    • पहले दस्तावेज़ 6 महीने बाद लौटाए जाते थे, लेकिन अब कम्प्यूटरीकृत स्कैनिंग के बाद उसी दिन दस्तावेज उपलब्ध करा दिए जाते हैं।

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2025 में संपत्ति रजिस्ट्रेशन शुल्क प्रमुख शहरों में

  • बेंगलुरु: संपत्ति मूल्य का 1%
  • दिल्ली: बिक्री विलेख के कुल बाजार मूल्य का 1% और 100 रुपये का रसीद टिकट चार्ज
  • मुंबई: संपत्ति के कुल बाजार मूल्य का 1% (अधिकतम 30,000 रुपये)
  • चेन्नई: बाजार मूल्य का 1%
  • कोलकाता: संपत्ति की कुल लागत का 1%

यदि रजिस्ट्रेशन नहीं कराया तो क्या होगा?

  • अवैध कब्ज़ा (Illegal Possession) का खतरा:
    • बिना रजिस्ट्रेशन वाली संपत्तियों की कोई कानूनी मान्यता नहीं होती।
    • कोर्ट में कोई भी गैर-पंजीकृत दस्तावेज साक्ष्य के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
    • सरकार द्वारा अधिग्रहण (Government Acquisition) की स्थिति में कोई मुआवजा नहीं मिलेगा।

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