![RBI का सख्त एक्शन! इस बैंक का लाइसेंस रद्द, क्या इसमें आपका खाता है?](https://rcisgbau.in/wp-content/uploads/2025/02/RBI-In-Action-1024x576.jpg)
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ग्राहकों के हितों की रक्षा और वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के लिए लगातार सख्त कदम उठा रहा है। साल 2025 में अब तक 27 बैंकों पर जुर्माना लगाया जा चुका है और 10 नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFC) का लाइसेंस रद्द किया गया है। इसी क्रम में, तमिलनाडु स्थित कुड्डालोर और विल्लुपुरम जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (DCCB) कर्मचारी सहकारी बैंक लिमिटेड पर आरबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है।
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बैंकिंग कारोबार करने से रोका
भारतीय रिजर्व बैंक ने कुड्डालोर और विल्लुपुरम DCCB कर्मचारी सहकारी बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया है। आरबीआई के आदेशानुसार, 6 फरवरी 2025 से इस बैंक का समस्त बैंकिंग कारोबार बंद कर दिया जाएगा। यह बैंक 21 मार्च 2020 को लाइसेंस प्राप्त कर बैंकिंग क्षेत्र में सक्रिय हुआ था, लेकिन आरबीआई के मानकों पर खरा नहीं उतरने के कारण इसका लाइसेंस रद्द कर दिया गया।
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गैर-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी के रूप में कर सकता है कार्य
आरबीआई ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ धारा 36A(2) के तहत इस बैंक को एक गैर-बैंकिंग संस्थान (NBFC) के रूप में कार्य करने की अनुमति दी है। हालांकि, इस बदलाव के बाद बैंक को निम्नलिखित प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा:
- बैंक अब डिमांड डिपॉजिट स्वीकार नहीं कर सकेगा।
- ग्राहकों को डेबिट कार्ड, ऑनलाइन पेमेंट और कैश विथ्ड्रॉल जैसी सुविधाएं नहीं मिलेंगी।
- यह बैंक पूर्ण रूप से एक NBFC के रूप में कार्य करेगा, लेकिन बैंकिंग सेवाओं से संबंधित कोई भी कार्य नहीं कर पाएगा।
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अनक्लेम्ड और अवनैतिक जमाराशियों का भुगतान अनिवार्य
आरबीआई ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि भले ही इस बैंक को NBFC के रूप में कार्य करने की अनुमति दी गई हो, लेकिन उसे ग्राहकों की अनक्लेम्ड (अदावा ना की गई) और अवनैतिक जमाराशियों को वापस करने का दायित्व निभाना होगा। यदि कोई गैर-सदस्य अपनी जमा राशि की मांग करता है तो बैंक को इसे अनिवार्य रूप से लौटाना होगा।
आरबीआई की लगातार सख्त कार्रवाई
बैंकिंग क्षेत्र में अनुशासन बनाए रखने और ग्राहकों के हितों की सुरक्षा के लिए भारतीय रिजर्व बैंक लगातार सख्त कदम उठा रहा है। साल 2024 में आरबीआई ने 12 बैंकों का लाइसेंस रद्द किया था और 2025 में अब तक 27 बैंकों पर आर्थिक दंड लगाया जा चुका है। इसके अलावा, 10 NBFC कंपनियों का लाइसेंस भी रद्द किया जा चुका है।
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ग्राहकों को क्या करना चाहिए?
जिन ग्राहकों की जमा राशि इस बैंक में है, उन्हें जल्द से जल्द अपने फंड की स्थिति को जांच लेना चाहिए। आरबीआई के आदेश के अनुसार, यदि किसी ग्राहक की जमाराशि बैंक में फंसी हुई है, तो वह बैंक से संपर्क कर अपने धन की वापसी के लिए आवेदन कर सकता है। हालांकि, चूंकि बैंक अब बैंकिंग सेवाएं प्रदान नहीं कर सकेगा, इसलिए ग्राहकों को अन्य वैकल्पिक बैंकिंग समाधानों की तलाश करनी चाहिए।