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RBI Monetary Policy: RBI ने 5 साल बाद घटाई रेपो रेट, आपकी EMI होगी कम!

👉 होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन धारकों के लिए खुशखबरी! RBI ने 5 वर्षों में पहली बार रेपो रेट में कटौती की, जिससे आपकी EMI कम हो सकती है। जानिए इस फैसले का सीधा असर और इसका पूरा विश्लेषण

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RBI Monetary Policy: RBI ने 5 साल बाद घटाई रेपो रेट, आपकी EMI होगी कम!
RBI Monetary Policy: RBI ने 5 साल बाद घटाई रेपो रेट, आपकी EMI होगी कम!

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए रेपो रेट में 0.25% (25 बेसिस पॉइंट्स) की कटौती की है, जिससे यह दर अब 6.50% से घटकर 6.25% हो गई है। यह पिछले पांच वर्षों में पहली बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट में कमी की है। इस कदम से होम लोन, कार लोन और अन्य ऋणों की ईएमआई में कमी आने की उम्मीद है।

आरबीआई की इस रेपो रेट कटौती से उम्मीद है कि ऋण लेने वालों को राहत मिलेगी और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। हालांकि, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि बैंक इस कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक कैसे और कब पहुंचाते हैं।

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रेपो रेट में कटौती का निर्णय

आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) की तीन दिवसीय बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया। गवर्नर मल्होत्रा ने कहा, “मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती का निर्णय लिया है, जिससे यह 6.25% हो गया है।”

रेपो रेट क्या है?

रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर आरबीआई वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक धनराशि उधार देता है। जब आरबीआई रेपो रेट में कटौती करता है, तो बैंकों को कम ब्याज दर पर धन मिलता है, जिससे वे उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर ऋण प्रदान कर सकते हैं।

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ईएमआई पर प्रभाव

रेपो रेट में इस कटौती से होम लोन, कार लोन और व्यक्तिगत ऋणों की ब्याज दरों में कमी आने की संभावना है, जिससे उधारकर्ताओं की मासिक ईएमआई में राहत मिलेगी। हालांकि, यह बैंकों पर निर्भर करेगा कि वे इस लाभ को ग्राहकों तक कितनी जल्दी और किस हद तक पहुंचाते हैं।

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आर्थिक विकास को बढ़ावा

आरबीआई के इस कदम का उद्देश्य धीमी हो रही आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित करना है। मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.4% रहने का अनुमान है, जो पिछले चार वर्षों में सबसे धीमी है।

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महंगाई दर में गिरावट

महंगाई दर में हाल ही में आई गिरावट ने आरबीआई को यह कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित किया है। दिसंबर में खुदरा महंगाई दर 5.2% रही, जो पिछले चार महीनों में सबसे कम है।

बाजार की प्रतिक्रिया

रेपो रेट में कटौती की घोषणा के बाद शेयर बाजार में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखी गई। ब्याज दरों के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों, जैसे वित्तीय, ऑटोमोबाइल और रियल एस्टेट, के शेयरों में वृद्धि दर्ज की गई।

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आगे की राह

आरबीआई ने अपने मौद्रिक नीति रुख को ‘न्यूट्रल’ बनाए रखा है, जिससे भविष्य में आवश्यकतानुसार दरों में और बदलाव की संभावना बनी रहती है। गवर्नर मल्होत्रा ने कहा, “हम आर्थिक विकास को समर्थन देने के लिए आवश्यक सभी कदम उठाएंगे, जबकि मूल्य स्थिरता को बनाए रखने पर भी ध्यान देंगे।”

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