झारखंड सरकार द्वारा संचालित विधवा पुनर्विवाह योजना एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य समाज में विधवा महिलाओं को पुनर्विवाह के लिए प्रेरित करना और उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करना है। हाल ही में रांची के कांके प्रखंड की एक महिला ने इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन दिया है। आवेदन प्राप्त होने के बाद जिला प्रशासन ने योजना से संबंधित आवश्यक प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है। इस योजना के तहत पुनर्विवाह करने वाली महिलाओं को सरकार द्वारा दो लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। यह योजना पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन द्वारा शुरू की गई थी और इसका उद्देश्य समाज में विधवा महिलाओं को सम्मान और नए जीवन की ओर बढ़ने का अवसर देना है।
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विधवा पुनर्विवाह योजना
झारखंड सरकार की यह पहल समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अक्सर विधवा महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक और मानसिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, विशेषकर जब वे कम उम्र में इस स्थिति में आ जाती हैं। इस योजना से न केवल ऐसी महिलाओं को नया जीवन शुरू करने का अवसर मिलेगा, बल्कि यह समाज के लिए भी एक प्रेरणा बनेगी। इसके माध्यम से विधवा महिलाओं को एक सम्मानजनक स्थान देने और उन्हें सामाजिक एवं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मदद मिलेगी।
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कैसे उठाया जा सकता है इस योजना का लाभ
इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए महिलाओं को कुछ महत्वपूर्ण शर्तों को पूरा करना आवश्यक है। सबसे पहले, लाभार्थी महिला का झारखंड का स्थायी निवासी होना अनिवार्य है। इसके अलावा, उसकी आयु विवाह योग्य होनी चाहिए। लाभार्थी को अपने पूर्व पति की मृत्यु प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा और पुनर्विवाह के संदर्भ में विवाह निबंधन प्रमाण पत्र भी जमा करना अनिवार्य है। योजना का लाभ उठाने के लिए पुनर्विवाह की तिथि से एक वर्ष के भीतर आवेदन करना आवश्यक है। हालांकि, आयकर दाता, पेंशनभोगी और सरकारी नौकरी करने वाली महिलाएं इस योजना का लाभ नहीं उठा सकती हैं।
झारखंड सरकार की यह योजना उन महिलाओं के लिए एक नई शुरुआत का अवसर लेकर आई है, जो अपने जीवन में फिर से खुशहाली और स्थिरता चाहती हैं। इस पहल से समाज में सकारात्मक सोच विकसित होगी और विधवा पुनर्विवाह को बढ़ावा मिलेगा।