सोने की कीमतें लगातार ऊंचाई पर बनी हुई हैं, और इसी बीच सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (SGB Scheme) को बंद करने का संकेत दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में बजट पेश करने के बाद मीडिया से बातचीत में इस योजना के भविष्य को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि सरकार इस योजना को बंद करने की राह पर है। इससे जुड़े और भी कई महत्वपूर्ण संकेत हाल ही में देखने को मिले हैं।
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क्यों बंद हो रही है SGB स्कीम?
वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने SGB स्कीम को बंद किए जाने की वजह बताते हुए कहा कि यह योजना सरकार के लिए महंगी उधारी का जरिया बन गई थी। सरकार को इसके संचालन में अधिक लागत आ रही थी, जिससे इसे जारी रखना मुश्किल हो गया। पिछले वर्षों के अनुभवों से यह स्पष्ट हुआ कि सरकार के लिए यह एक अधिक लागत वाली योजना थी, इसलिए इसे अब बंद करने की तैयारी की जा रही है।
क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम नवंबर 2015 में शुरू की गई थी। इस योजना के तहत निवेशकों को बाजार दर से कम कीमत पर सोना खरीदने का अवसर दिया जाता था। साथ ही, ऑनलाइन खरीदारी करने पर 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट और 2.5% का निश्चित वार्षिक ब्याज भी मिलता था। इस योजना के तहत कोई भी व्यक्ति अधिकतम 4 किलो सोना खरीद सकता था, जबकि ट्रस्ट और संस्थाएं 20 किलो तक निवेश कर सकती थीं। SGB की मैच्योरिटी अवधि 8 साल थी, और इसे 5 साल के बाद बेचने का विकल्प भी उपलब्ध था।
निवेशकों को कितना हुआ फायदा?
2015 में जब पहली बार SGB स्कीम लॉन्च हुई थी, तब इसका इश्यू प्राइस 2,684 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया था। इस समय यह कीमत 999 प्योरिटी वाले गोल्ड के औसत मूल्य पर आधारित थी। 2023 में जब इस बॉन्ड की मैच्योरिटी पूरी हुई, तब इसका रिडेम्पशन प्राइस 6,132 रुपये प्रति ग्राम था। यानी जिन निवेशकों ने इस योजना में शुरुआत में निवेश किया था, उन्हें 128.5% तक का लाभ हुआ। साथ ही, उन्हें हर साल 2.5% का ब्याज भी मिला, जिससे यह निवेश और भी आकर्षक बन गया था।
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अब निवेशकों के पास क्या विकल्प हैं?
SGB स्कीम के बंद होने से उन निवेशकों को झटका लग सकता है जो सुरक्षित और कम लागत में सोने में निवेश करना चाहते थे। हालांकि, इसके अलावा भी कई अन्य विकल्प मौजूद हैं:
- फिजिकल गोल्ड खरीदना – पारंपरिक तरीका, लेकिन इसमें सिक्योरिटी और मेकिंग चार्जेस का ध्यान रखना जरूरी है।
- गोल्ड ETF और म्यूचुअल फंड्स – यह डिजिटल माध्यम से सोने में निवेश का विकल्प प्रदान करते हैं।
- डिजिटल गोल्ड – यह निवेशकों को छोटी मात्रा में सोना खरीदने और स्टोर करने का एक आधुनिक तरीका देता है।
- गोल्ड फ्यूचर्स और कमोडिटी ट्रेडिंग – जो निवेशक जोखिम उठाने को तैयार हैं, उनके लिए यह एक विकल्प हो सकता है।
क्या सरकार वापस ला सकती है कोई नई योजना?
भविष्य में सरकार कोई और बेहतर विकल्प पेश कर सकती है, लेकिन अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। हालांकि, निवेशकों को अब नए विकल्पों की ओर देखना होगा।