हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने ओबीसी (OBC) वर्ग के लिए कई अहम घोषणाएं की हैं, जिनसे राज्य के लाखों लोग सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे। इन घोषणाओं में ओबीसी प्रमाण पत्रों की ऑनलाइन प्रक्रिया को सरल बनाना, क्रीमी लेयर की आय सीमा में वृद्धि, सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता, छात्रवृत्तियों का वितरण और पारंपरिक कारीगरों के लिए आर्थिक मदद जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं का उद्देश्य ओबीसी वर्ग के लोगों को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
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OBC क्रीमी लेयर की आय सीमा में बढ़ोतरी
हरियाणा सरकार ने ओबीसी क्रीमी लेयर की आय सीमा को बढ़ाकर आठ लाख रुपये कर दिया है। इससे पहले यह सीमा छह लाख रुपये थी। अब इस वृद्धि से उन परिवारों को भी लाभ मिलेगा जो इस सीमा के भीतर आते थे। खास बात यह है कि केंद्र सरकार की तरह इस आय में वेतन और कृषि से अर्जित आय को शामिल नहीं किया जाएगा, जिससे यह कदम और भी प्रभावी साबित होगा। इस निर्णय से लाखों ओबीसी परिवारों को आय के मामले में ज्यादा राहत मिलेगी।
OBC वर्ग के युवाओं को सरकारी नौकरी में मिलेगा प्राथमिकता
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य में ग्रुप-ए और ग्रुप-बी के रिक्त पदों को भरने के लिए विशेष भर्ती अभियान की घोषणा की है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य ओबीसी वर्ग के युवाओं को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देना है। इससे ओबीसी समुदाय के युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे, और उनका सामाजिक एवं आर्थिक स्तर भी मजबूत होगा। यह कदम ओबीसी युवाओं के भविष्य के लिए सकारात्मक दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।
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ओबीसी छात्रों को 12,000 से 20,000 रुपये तक की छात्रवृत्ति
हरियाणा सरकार ओबीसी समुदाय के विद्यार्थियों को शिक्षा में प्रोत्साहन देने के लिए 12,000 से 20,000 रुपये तक की छात्रवृत्तियां प्रदान कर रही है। यह योजना उन छात्रों के लिए है जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है और जो अपनी शिक्षा जारी रखने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं। इस योजना से ओबीसी छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए जरूरी मदद मिलेगी, और वे अपने सपनों को साकार कर पाएंगे।
OBC-A और OBC-B को मिले आरक्षण
हरियाणा सरकार ने राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों पर ओबीसी-A और OBC-B समुदायों को आरक्षण प्रदान किया है। ओबीसी-A को 8% और ओबीसी-B को 5% आरक्षण मिलेगा, जो पंचायती राज संस्थाओं और नगरपालिकाओं में लागू होगा। इससे ओबीसी समुदाय के लोग सशक्त होंगे और सामाजिक, राजनीतिक और प्रशासनिक क्षेत्रों में उनकी भागीदारी बढ़ेगी।
ओबीसी समाज की राजनीतिक भागीदारी
हरियाणा में ओबीसी समाज की राजनीतिक भागीदारी में भी वृद्धि देखी जा रही है। वर्तमान में राज्य से भाजपा के पांच लोकसभा सांसदों में से दो ओबीसी वर्ग से हैं। इसके अलावा, राज्यसभा में भी एक सांसद ओबीसी वर्ग से आता है। यह दर्शाता है कि ओबीसी समाज की राजनीतिक ताकत बढ़ रही है और उनकी आवाज को अब उचित मंच मिल रहा है।
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हुनर और कला के विकास के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना
हरियाणा सरकार ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत पारंपरिक कारीगरों को आर्थिक सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत मिट्टी के बर्तन बनाने वाले, आभूषण गढ़ने वाले, कपड़े सिलने वाले और अन्य कारीगरों को सरकार से मदद मिल रही है। इस कदम से पारंपरिक व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा और ओबीसी समाज के कारीगर आत्मनिर्भर बन सकेंगे।
पीएम विश्वकर्मा योजना से ओबीसी समाज को मिलेगा लाभ
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत ओबीसी कारीगरों को वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह योजना उनके पारंपरिक व्यवसायों को सशक्त बनाने और उन्हें आधुनिक युग के साथ जोड़ने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस योजना से ओबीसी समाज के कारीगरों को अपने हुनर को और बेहतर बनाने और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा।
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इन सभी योजनाओं का उद्देश्य ओबीसी समाज के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए एक ठोस कदम है। हरियाणा सरकार की इन पहलों से ओबीसी समुदाय के लोग निश्चित रूप से अधिक अवसरों का लाभ उठा पाएंगे और राज्य में उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।