बुंदेलखंड क्षेत्र में कनेक्टिविटी को और अधिक सुगम बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है। चित्रकूट को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए एक लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है, जिससे क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी। यह परियोजना न केवल चित्रकूट बल्कि आसपास के ग्रामीण इलाकों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को भी मजबूती प्रदान करेगी।
चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे की विशेषताएँ
इस लिंक एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई लगभग 16 किलोमीटर होगी। इसका मुख्य उद्देश्य चित्रकूट को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे-135 से जोड़ना है, जिससे आवागमन आसान होगा और व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि होगी।
13 गाँवों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेसवे
इस महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे का निर्माण चित्रकूट जिले के 13 गाँवों से होकर किया जा रहा है। यह गाँव हैं – गोंडा, भारतपुर भैंसौंधा, रामपुर माफी, भारतपुर तरांव, भरथौल, मछरिहा, रानीपुर खाकी, शिवरामपुर, सीतापुर माफी, खुटहा, रानीपुर भट्ट, चकला राजरानी और अहमदगंज। एक्सप्रेसवे के बनते ही इन गाँवों की जमीन की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि होगी और क्षेत्र में आर्थिक प्रगति को बढ़ावा मिलेगा।
परियोजना का बजट और भूमि अधिग्रहण
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में कुल 350 करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है। उत्तर प्रदेश सरकार ने अब तक इस परियोजना के लिए 1200 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है, जिसमें से 230 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण के लिए निर्धारित किए गए हैं। वर्तमान में 70 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा हो चुका है और शेष कार्य में तेजी लाई जा रही है।
बुंदेलखंड और सतना से सीधा संपर्क
इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से चित्रकूट से बुंदेलखंड की यात्रा पहले की तुलना में अधिक सुगम हो जाएगी। इसके अतिरिक्त, लिंक एक्सप्रेसवे को चित्रकूट एयरपोर्ट और मध्य प्रदेश के सतना जिले से भी जोड़ने की योजना बनाई जा रही है। इससे यात्रियों को परिवहन के और भी अधिक साधन उपलब्ध होंगे।
प्रारंभ में चार लेन, भविष्य में छह लेन
शुरुआती चरण में इस एक्सप्रेसवे को चार लेन के रूप में विकसित किया जाएगा, लेकिन भविष्य में इसे छह लेन के ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के रूप में विस्तारित किया जाएगा। इसके निर्माण में अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा ताकि यात्रा अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक हो।
बेड़ी पुलिया, रामघाट और परिक्रमा मार्ग से जुड़ेगा
इस लिंक एक्सप्रेसवे को स्थानीय परिवहन और तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए बेड़ी पुलिया, रामघाट और परिक्रमा मार्ग से भी जोड़ा जाएगा। इससे न केवल चित्रकूट आने-जाने में सहूलियत होगी, बल्कि धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
परियोजना का समयसीमा और संभावित लाभ
यह महत्वपूर्ण परियोजना डेढ़ से दो वर्षों के भीतर पूरी होने की संभावना है। इसके पूरा होते ही क्षेत्र में विकास की नई संभावनाएँ खुलेंगी। सड़क परिवहन के बेहतर होने से व्यापारिक गतिविधियाँ भी तेजी से बढ़ेंगी और स्थानीय युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।