बिजली निगम ने वित्त वर्ष के अंत तक एनओसी (No Objection Certificate) को फिर से अनिवार्य कर दिया है। सरकारी कर्मचारियों को फरवरी और मार्च के वेतन प्राप्त करने के लिए पहले अपने बिजली बिल का भुगतान कर एनओसी जमा करनी होगी। साथ ही, आम नागरिकों और सरकारी ठेकेदारों के लिए भी यह प्रमाण पत्र आवश्यक होगा ताकि वे अपने सरकारी कामकाज को सुचारु रूप से पूरा कर सकें।
सरकारी कर्मचारियों के लिए क्यों अनिवार्य हुई एनओसी?
बिजली निगम द्वारा इस कदम को उठाने का मुख्य उद्देश्य बिजली राजस्व की वसूली को बढ़ाना है। प्रदेश में करीब साढ़े तीन लाख सरकारी कर्मचारी कार्यरत हैं, और यदि सभी समय पर अपने बकाया बिजली बिल चुका दें, तो निगम की वित्तीय स्थिति काफी मजबूत होगी। इसलिए, सरकार ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि जब तक एनओसी प्रस्तुत नहीं की जाएगी, तब तक किसी भी सरकारी कर्मचारी का वेतन जारी नहीं होगा।
बिजली राजस्व वसूली को लेकर सख्ती
इस वर्ष बिजली निगम ने राजस्व वसूली को प्राथमिकता देते हुए युद्ध स्तर पर अभियान छेड़ दिया है। खासतौर पर जम्मू और कश्मीर में बिजली खरीद लक्ष्य को पूरा करने के लिए अधिक से अधिक राजस्व एकत्र करने की योजना बनाई गई है।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार:
- बिजली निगम को 7000 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य मिला है।
- अब तक केवल 2600 करोड़ रुपये ही वसूले गए हैं।
- 31 मार्च से पहले इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए एनओसी को फिर से अनिवार्य किया गया है।
आम उपभोक्ताओं पर भी पड़ेगा असर
यह नियम केवल सरकारी कर्मचारियों तक सीमित नहीं है, बल्कि सभी आम उपभोक्ताओं के लिए भी लागू होगा। सरकारी कामकाज में सुविधा प्राप्त करने के लिए एनओसी जरूरी होगी। उदाहरण के तौर पर:
- यदि कोई उपभोक्ता बिजली कनेक्शन ट्रांसफर करवाना चाहता है, तो उसे पहले बकाया बिजली बिल चुकाना होगा।
- सरकारी योजनाओं के तहत किसी भी प्रकार की सब्सिडी या छूट प्राप्त करने के लिए एनओसी आवश्यक होगी।
- संपत्ति पंजीकरण, भवन निर्माण परमिशन, या अन्य सरकारी सेवाओं का लाभ लेने के लिए एनओसी अनिवार्य होगी।
सरकारी ठेकेदारों और एजेंसियों पर भी प्रभाव
बिजली निगम के इस फैसले का प्रभाव सिर्फ सरकारी कर्मचारियों तक सीमित नहीं रहेगा। राज्य में चल रही सरकारी परियोजनाओं पर काम कर रही एजेंसियों और ठेकेदारों को भी एनओसी नियमों का पालन करना होगा। यदि कोई सरकारी ठेकेदार अपने बिजली बिल का भुगतान नहीं करता है, तो उसके बिल ट्रेजरी विभाग में अटक जाएंगे और उसे किसी भी प्रकार का भुगतान नहीं किया जाएगा।
एनओसी कैसे प्राप्त करें?
अब सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह उठता है कि उपभोक्ताओं को एनओसी प्राप्त करने की प्रक्रिया क्या होगी? बिजली निगम ने इसे सरल और पारदर्शी बनाने के लिए विभिन्न विकल्प प्रदान किए हैं।
ऑनलाइन माध्यम से एनओसी प्राप्त करने की प्रक्रिया:
- उपभोक्ता अपने बिजली उपभोक्ता संख्या (Consumer Number) का उपयोग करके ऑनलाइन पोर्टल पर बिजली बिल जमा कर सकते हैं।
- भुगतान होने के बाद रजिस्टर्ड ईमेल पर भुगतान रसीद भेज दी जाएगी।
- इस ई-रसीद का प्रिंट आउट निकालकर अपने संबंधित विभाग में जमा करने पर एनओसी प्राप्त की जा सकती है।
बैंक के माध्यम से एनओसी प्राप्त करने की प्रक्रिया:
- जिन उपभोक्ताओं के पास डिजिटल पेमेंट की सुविधा नहीं है, वे अपने निकटतम बैंक में जाकर बिजली बिल का भुगतान कर सकते हैं।
- बैंक से प्राप्त रसीद को बिजली विभाग के संबंधित डिवीजन में दिखाने के बाद एनओसी जारी की जाएगी।
- ध्यान रहे कि बिल का पूरा भुगतान किए बिना एनओसी जारी नहीं होगी।
बिजली निगम के इस फैसले से संभावित लाभ
सरकार के इस कड़े फैसले से बिजली राजस्व संग्रहण में जबरदस्त बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। साथ ही, यह कदम राज्य की बिजली आपूर्ति व्यवस्था को मजबूत करने में भी मदद करेगा। इसके प्रमुख लाभ निम्नलिखित होंगे:
- हर साल बिजली बिल बकाया रहने से राज्य को भारी आर्थिक नुकसान होता है। यह कदम इस नुकसान को कम करेगा।
- सरकारी वेतन प्राप्त करने के लिए बिजली बिल चुकाना अनिवार्य करने से भुगतान में देरी नहीं होगी।
- एनओसी से जुड़े सरकारी कामों की वजह से लोग जल्दी से जल्दी अपने बिजली बिल जमा करेंगे।
- सरकारी ठेकेदारों को भी अब अपनी बिजली बिल अदायगी समय पर करनी होगी।