जम्मू और कश्मीर सरकार ने कश्मीर घाटी और जम्मू संभाग के शीतकालीन क्षेत्र के स्कूलों के लिए शीतकालीन अवकाश (Winter Break) की आधिकारिक घोषणा कर दी है। इस निर्णय को ठंड के बढ़ते प्रभाव और छात्रों-शिक्षकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। स्कूल शिक्षा मंत्री सकीना इटू ने इस संबंध में आदेश जारी किया और इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा किया। यह कदम छात्रों और शिक्षकों को ठंड से राहत देने और आगामी परीक्षाओं के लिए समय प्रदान करने की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है।
कक्षा 5 तक के छात्रों के लिए 10 दिसंबर से छुट्टियां
आदेश के अनुसार, कक्षा 5 तक के छात्रों के लिए शीतकालीन अवकाश 10 दिसंबर 2024 से 28 फरवरी 2025 तक रहेगा। यह अवधि छोटे बच्चों की सुरक्षा और ठंड के असर से बचाने के लिए तय की गई है। इस दौरान छात्रों को अपने परिवार के साथ समय बिताने और आराम करने का अवसर मिलेगा। ठंड के मौसम में नन्हें बच्चों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से यह कदम सराहनीय है।
कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों के लिए 16 दिसंबर से शुरू होंगी छुट्टियां
कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों के लिए शीतकालीन अवकाश 16 दिसंबर 2024 से शुरू होकर 28 फरवरी 2025 तक रहेगा। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य ठंड के कारण स्कूल जाने में होने वाली परेशानियों को कम करना है। साथ ही, यह छात्रों को अपनी बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी के लिए पर्याप्त समय प्रदान करेगा। छात्रों और शिक्षकों के हित में लिया गया यह निर्णय आने वाले महीनों में उनकी शैक्षणिक गतिविधियों को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
शिक्षण स्टाफ के लिए विशेष निर्देश
सरकार ने शिक्षण स्टाफ के लिए भी विशेष निर्देश जारी किए हैं। सरकारी हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों के शिक्षकों को 10 फरवरी 2025 से अपने-अपने मुख्यालय में उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं। यह कदम बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। शिक्षकों को छात्रों के मार्गदर्शन के लिए सक्रिय रूप से उपलब्ध रहने को कहा गया है, ताकि परीक्षा की तैयारी में किसी भी तरह की बाधा न आए।
ऑनलाइन मार्गदर्शन की पहल
शीतकालीन अवकाश के दौरान छात्रों को ऑनलाइन मार्गदर्शन (Online Guidance) प्रदान करने पर विशेष जोर दिया गया है। शिक्षकों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि डिजिटल माध्यम से छात्रों को पढ़ाई में हर संभव सहायता मिले। इसके लिए शिक्षकों को ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करने और छात्रों के सवालों का जवाब देने की जिम्मेदारी दी गई है। शिक्षा विभाग ने चेतावनी दी है कि आदेश का पालन न करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
छात्रों और अभिभावकों ने किया स्वागत
जम्मू-कश्मीर सरकार के इस निर्णय का छात्रों और अभिभावकों ने जोरदार स्वागत किया है। अभिभावकों का कहना है कि यह निर्णय बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी था। वहीं, छात्रों का मानना है कि छुट्टियों के दौरान वे अपनी पढ़ाई के साथ-साथ आराम भी कर सकेंगे। सरकार के इस कदम को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं, जो यह दर्शाता है कि निर्णय कितना समयानुकूल और व्यावहारिक है।
शिक्षा विभाग की भूमिका
शिक्षा विभाग ने इस आदेश को लागू करने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सभी स्कूलों को इसे पूरी तरह से लागू करने की जिम्मेदारी दी गई है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि छात्रों को शीतकालीन अवकाश के दौरान घर पर पढ़ाई के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके लिए शिक्षकों और स्कूल प्रशासन को भी छात्रों की मदद करने के निर्देश दिए गए हैं।
ठंड का प्रभाव और सरकार का निर्णय
जम्मू-कश्मीर के शीतकालीन क्षेत्रों में ठंड का प्रभाव बहुत अधिक रहता है। दिसंबर से फरवरी तक बर्फबारी और ठंडी हवाएं सामान्य जनजीवन को बाधित करती हैं। इस मौसम में बच्चों और शिक्षकों को स्कूल जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ठंड के इस प्रकोप को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने यह कदम उठाया है ताकि बच्चों को सुरक्षित रखा जा सके।
बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी के लिए समय
कक्षा 10, 11 और 12 के छात्रों के लिए यह समय बेहद महत्वपूर्ण है। बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी के लिए छुट्टियों का सही उपयोग करना उनकी सफलता में बड़ा योगदान दे सकता है। छात्रों को मॉक टेस्ट देने और कमजोर विषयों पर काम करने का सुझाव दिया गया है। साथ ही, शिक्षकों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि छात्रों को सभी तरह की मदद मिले।
छात्रों के लिए सुझाव
छात्रों को इस अवकाश का सही उपयोग करते हुए अपनी पढ़ाई के लिए एक योजना बनानी चाहिए। वे अपने कमजोर विषयों पर फोकस कर सकते हैं और समय का प्रबंधन करना सीख सकते हैं। साथ ही, उन्हें अपनी सेहत का ध्यान रखते हुए ठंड से बचने के उपाय अपनाने चाहिए।