बजट 2025 को लेकर तमाम अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन इस बार बैंक कर्मचारियों और ग्राहकों की उम्मीदें खासतौर पर बढ़ी हुई हैं। लंबे समय से बैंक यूनियन और कर्मचारियों द्वारा हफ्ते में 5 दिन काम करने की मांग उठाई जा रही है। सवाल यह है कि क्या इस बजट में केंद्र सरकार बैंकों के लिए 5-दिन वर्किंग वीक की घोषणा करेगी?
इस मुद्दे को लेकर बैंक यूनियन, इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA), और सरकार के बीच पहले ही कई चरणों की चर्चा हो चुकी है। अगर यह प्रस्ताव स्वीकार होता है, तो बैंकों के कामकाज का समय भी बदल सकता है, जिससे बैंक ग्राहकों और कर्मचारियों दोनों पर बड़ा असर पड़ेगा।
क्या होगा बैंकों के कामकाज का नया फॉर्मेट?
अभी देश में सभी बैंकों में दूसरे और चौथे शनिवार के साथ-साथ रविवार को भी छुट्टी होती है। बाकी के शनिवार को बैंक सामान्य रूप से खुलते हैं। हालांकि, यूनियनों ने मांग की है कि सोमवार से शुक्रवार तक बैंक खुले रहें और सभी शनिवार और रविवार को छुट्टी दी जाए। इससे बैंक कर्मचारियों को महीने में 6 छुट्टियों की बजाय 8 छुट्टियां मिलेंगी।
इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए IBA और बैंक यूनियनों ने मार्च 2024 में एक समझौता किया था। अब यह मामला सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मंजूरी का इंतजार कर रहा है।
बैंकिंग घंटों में होगा बदलाव
अगर सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है, तो बैंकिंग घंटों में भी बदलाव किया जाएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैंक शाखाओं का समय प्रतिदिन 40 मिनट बढ़ जाएगा।
- सुबह के समय बैंक शाखाएं 9:45 बजे खुलेंगी, जो फिलहाल 10 बजे खुलती हैं।
- शाम में बैंक ब्रांच 5:30 बजे बंद होंगी, जो अभी 5 बजे तक खुलती हैं।
यह बदलाव इस बात को सुनिश्चित करेगा कि ग्राहकों को सेवा में किसी भी तरह की बाधा न हो। यूनियनों का मानना है कि यह कदम कर्मचारियों और ग्राहकों दोनों के लिए सुविधाजनक होगा।
कस्टमर सर्विस पर क्या होगा असर?
बैंक यूनियन का दावा है कि 5-दिन वर्किंग लागू होने से कस्टमर सर्विस पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा। हालांकि, इसके लिए कर्मचारियों को प्रतिदिन अधिक समय काम करना होगा। मौजूदा पब्लिक डीलिंग का समय 10 बजे से 4 बजे तक है, जिसे नए नियमों के तहत बढ़ाकर 9:45 से 5:30 तक किया जा सकता है।
यूनियन के मुताबिक, इससे बैंकिंग प्रक्रिया ज्यादा कुशल होगी, और ग्राहक पहले से बेहतर सेवाओं का अनुभव करेंगे।
वित्त मंत्रालय और RBI की मंजूरी का इंतजार
हालांकि, बैंक कर्मचारियों की यह मांग तभी पूरी हो सकेगी, जब वित्त मंत्रालय और RBI इसे हरी झंडी देंगे। बैंक यूनियन इस बात को लेकर आशावादी है कि बजट 2025 में इस प्रस्ताव को लेकर कोई ठोस ऐलान किया जा सकता है।
मार्च 2024 में हुए समझौते के बाद यह मुद्दा चर्चा में है, लेकिन अब तक इस पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।
बजट 2025 पर टिकी नजरें
मोदी सरकार 1 फरवरी 2025 को संसद में अपना बजट पेश करेगी। यह बजट मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बजट को पेश करेंगी।
बजट से बैंक कर्मचारियों और ग्राहकों को यह उम्मीद है कि सरकार उनके पक्ष में बड़ा कदम उठाएगी। अगर यह प्रस्ताव मंजूर होता है, तो यह न केवल कर्मचारियों के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि बैंकिंग सेक्टर में एक नई व्यवस्था की शुरुआत करेगा।