देशभर में परीक्षा प्रणाली को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2025 की बोर्ड परीक्षाओं में नकल रोकने को लेकर कठोर कदम उठाए हैं। साल 2024 में पेपर लीक और नकल के हाईटेक तरीकों से जुड़ी घटनाओं के बाद, सीबीएसई का यह निर्णय परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
CBSE का बड़ा फैसला
सीबीएसई ने 2025 में आयोजित होने वाली 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्रों पर मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लागू कर दिया है। यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई छात्र परीक्षा केंद्र में मोबाइल फोन या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के साथ पकड़ा जाता है, तो उस पर दो साल तक बोर्ड परीक्षा देने से प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। पहले यह अवधि एक साल थी, जिसे अब बढ़ाकर दो साल कर दिया गया है। इसके अलावा, परीक्षा से जुड़ी गलत अफवाहें फैलाने पर भी बोर्ड ने कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।
CBSE का आधिकारिक बयान
सीबीएसई के एग्जाम कंट्रोलर, डॉ. संयम भारद्वाज ने इस कदम की पुष्टि करते हुए कहा कि परीक्षा के दौरान या परीक्षा केंद्र पर किसी भी प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक उपकरण रखना प्रतिबंधित है। अगर कोई छात्र इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उसे तुरंत परीक्षा से रोक दिया जाएगा और भविष्य में भी परीक्षा देने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
उन्होंने आगे यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर छात्रों द्वारा फैलाए जा रहे भ्रामक संदेश और अफवाहें परीक्षा प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए, बोर्ड ने इन गतिविधियों को भी अनुचित साधनों की सूची में शामिल कर दिया है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
परीक्षा केंद्रों पर होगी कड़ी निगरानी
15 फरवरी, 2025 से शुरू हो रही सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं के दौरान नकल रोकने के लिए निगरानी को और सख्त किया गया है। सभी परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
डॉ. भारद्वाज ने कहा, “परीक्षा प्रक्रिया में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सीसीटीवी कैमरों के जरिए परीक्षा केंद्रों की निगरानी की जाएगी। इससे न केवल नकल को रोका जा सकेगा, बल्कि परीक्षा केंद्रों पर अनुशासन भी बेहतर होगा।”
अफवाहों पर लगेगी रोक
सोशल मीडिया पर परीक्षा से संबंधित झूठी खबरें और अफवाहें फैलाना अब छात्रों के लिए महंगा साबित हो सकता है। सीबीएसई ने इसे अनुचित साधनों के अंतर्गत जोड़ दिया है और ऐसे मामलों में छात्रों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
निष्पक्ष परीक्षा प्रक्रिया की उम्मीद
सीबीएसई के इन नए नियमों और निगरानी प्रणाली से यह उम्मीद की जा रही है कि परीक्षा प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने में मदद मिलेगी। बोर्ड के इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी छात्रों को समान अवसर मिले और किसी भी प्रकार की अनुचित गतिविधि से परीक्षा प्रणाली प्रभावित न हो।