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Solar Panel Yojana: फ्री में लगवाएं अब सोलर पैनल, सरकार ने बनाया ये जबदस्त प्लान

भारत सरकार ने पीएम सूर्य घर योजना के तहत RESCO और उपयोगिता-आधारित मॉडल लॉन्च किए हैं। ये मॉडल उपभोक्ताओं को बिना प्रारंभिक निवेश के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की सुविधा देते हैं। गुजरात में सबसे अधिक इंस्टालेशन दर्ज किए गए हैं, और अब तक 1.45 करोड़ पंजीकरण हो चुके हैं। योजना का उद्देश्य 2027 तक एक करोड़ घरों तक सौर ऊर्जा पहुंचाना है।

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Solar Panel Yojana: फ्री में लगवाएं अब सोलर पैनल, सरकार ने बनाया ये जबदस्त प्लान
Solar Panel Yojana

भारत सरकार ने पीएम सूर्य घर योजना के अंतर्गत रिन्यूएबल एनर्जी को प्रोत्साहित करने के लिए दो नए वित्तीय मॉडल लॉन्च किए हैं। ये मॉडल हैं नवीकरणीय ऊर्जा सेवा कंपनी (RESCO) और उपयोगिता-आधारित एकत्रीकरण मॉडल। इन मॉडलों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि उपभोक्ता को अपनी छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कराने के लिए कोई प्रारंभिक निवेश नहीं करना होगा। यह पहल न केवल सौर ऊर्जा को बढ़ावा देगी बल्कि उपभोक्ताओं के लिए इसे अधिक किफायती और सुलभ बनाएगी।

आरईएससीओ मॉडल

RESCO मॉडल के तहत, थर्ड पार्टी कंपनियां उपभोक्ताओं की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करेंगी। इस मॉडल में कंपनियां सौर ऊर्जा संयंत्र से उत्पन्न बिजली के लिए उपभोक्ताओं से भुगतान प्राप्त करेंगी। यह प्रणाली उन घरों के लिए उपयुक्त है जो प्रारंभिक निवेश से बचना चाहते हैं लेकिन रिन्यूएबल एनर्जी का लाभ लेना चाहते हैं।

उपयोगिता-आधारित एकत्रीकरण मॉडल

उपयोगिता-आधारित एकत्रीकरण मॉडल में बिजली वितरण कंपनियां (DISCOMs) या राज्य द्वारा नामित संस्थाएं, आवासीय क्षेत्रों में छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करेंगी। उपभोक्ताओं को केवल उपयोग की गई बिजली के लिए भुगतान करना होगा। यह प्रणाली उपयोगकर्ताओं को सरल और किफायती समाधान प्रदान करती है, जिससे सौर ऊर्जा के प्रति लोगों की रुचि बढ़ रही है।

केंद्र सरकार का 100 करोड़ रुपये का जोखिम मुक्त कोष

सौर ऊर्जा निवेश को जोखिम मुक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 100 करोड़ रुपये का कोष बनाया है। यह कोष RESCO मॉडल के अंतर्गत कंपनियों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि ये मॉडल मौजूदा कैपेक्स मोड के अतिरिक्त हैं, जो राष्ट्रीय पोर्टल के माध्यम से उपभोक्ताओं को कार्यान्वयन की सुविधा देते हैं।

पीएम सूर्य घर योजना का महत्व और लक्ष्य

पीएम सूर्य घर योजना का लक्ष्य मार्च 2027 तक एक करोड़ घरों को सौर ऊर्जा से जोड़ना है। इस योजना की शुरुआत फरवरी 2024 में 75,021 करोड़ रुपये के बजट के साथ की गई थी। आंकड़ों के अनुसार, 3-5 किलोवाट लोड सेगमेंट में 77% इंस्टालेशन हुए हैं, जबकि 5 किलोवाट से अधिक लोड वाले सेगमेंट में 14% इंस्टालेशन दर्ज किए गए।

गुजरात बना अग्रणी राज्य

गुजरात में इस योजना के तहत सबसे अधिक इंस्टालेशन हुए हैं। इसके बाद महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और केरल का स्थान है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक इस योजना के तहत 1.45 करोड़ से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं। योजना के तहत 40% तक सब्सिडी प्रदान की जाती है, जिससे रिन्यूएबल एनर्जी को अधिक किफायती बनाया गया है।

एलडीए द्वारा प्रस्तावित इस योजना के अनुसार, अब किसी भी नए मकान का नक्शा तभी पास किया जाएगा जब मकान मालिक शपथ पत्र के जरिए यह आश्वासन देगा कि वह मकान निर्माण के बाद सोलर सिस्टम जरूर लगाएगा। अगर यह नियम लागू होने के बाद भी सोलर सिस्टम नहीं लगाया जाता है, तो मकान को अवैध घोषित कर दिया जाएगा और कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी नहीं होगा।

लखनऊ में सोलर सिस्टम के लिए नए नियम

इस प्रस्ताव के तहत 1000 वर्ग फीट या उससे बड़े मकानों में 1 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा। अब तक लखनऊ के बिल्डिंग बाइलॉज में सोलर पैनल लगाने का कोई प्रावधान नहीं था। केवल बड़े कमर्शियल प्लॉट्स पर सोलर हीटर लगाना आवश्यक था। नए नियमों के तहत यह प्रावधान आवासीय मकानों पर भी लागू होगा।

एलडीए द्वारा पेश किए गए इस प्रस्ताव को 4 दिसंबर को होने वाली बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। इसके पास होने के बाद इसे बिल्डिंग बाइलॉज में संशोधित किया जाएगा, जिससे यह नियम औपचारिक रूप से लागू हो सके।

जमानत राशि की नई व्यवस्था

सोलर सिस्टम की स्थापना सुनिश्चित करने के लिए एलडीए ने जमानत राशि का प्रावधान किया है। मकान के नक्शे को पास कराने के लिए विभिन्न प्लॉट साइज के अनुसार जमानत राशि ली जाएगी।

  • 200-500 वर्ग मीटर प्लॉट: ₹20,000
  • 500-1000 वर्ग मीटर प्लॉट: ₹50,000
  • 1000-5000 वर्ग मीटर प्लॉट: ₹1,00,000
  • 5000 वर्ग मीटर से बड़े भूखंड: ₹2,00,000

सोलर सिस्टम लगाने के बाद यह राशि वापस कर दी जाएगी।

रेसिडेंशियल प्लॉट्स में नॉन-रेसिडेंशियल उपयोग की अनुमति

एलडीए के नियोजित कॉलोनियों में रेसिडेंशियल प्लॉट्स पर छोटे कार्यालय और दुकानों को खोलने की अनुमति देने का प्रस्ताव भी रखा गया है। हालांकि, इसे लागू करने के लिए सरकार से मंजूरी लेनी होगी।

लखनऊ की हरित ऊर्जा पहल

एलडीए सचिव विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि यह कदम लखनऊ को हरित ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बढ़ाया गया है। बोर्ड बैठक में पारित होने के बाद यह नियम लागू किया जाएगा। यह प्रयास पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ ऊर्जा की बचत और लागत में कमी लाने में भी मदद करेगा।

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