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29 जनवरी मौनी अमावस्या को महाकुंभ में होगा दूसरा अमृत स्नान

मौनी अमावस्या 29 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है। महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान भी इसी दिन होगा। श्रद्धालुओं के लिए यह पर्व मोक्ष प्राप्ति और पितृ दोष निवारण का अनमोल अवसर है।

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29 जनवरी मौनी अमावस्या को महाकुंभ में होगा दूसरा अमृत स्नान
29 जनवरी मौनी अमावस्या

माघ माह की महत्वपूर्ण मौनी अमावस्या इस वर्ष 29 जनवरी को मनाई जाएगी। इसे माघ अमावस्या भी कहा जाता है। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, माघ अमावस्या की तिथि 28 जनवरी को रात 7:35 पर प्रारंभ होगी और 29 जनवरी को शाम 6:05 पर समाप्त होगी। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु और पितरों की पूजा विशेष रूप से शुभ मानी जाती है। यह दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और तपस्या के लिए अत्यंत उपयुक्त होता है, जिससे व्यक्ति के समस्त पाप समाप्त हो जाते हैं।

मौनी अमावस्या का मुख्य उद्देश्य मौन व्रत धारण करना है। ऐसा माना जाता है कि मौन व्रत आत्मचिंतन और मानसिक शांति का मार्ग प्रशस्त करता है। साथ ही, पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए गंगा स्नान और तर्पण करना अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है।

मौनी अमावस्या का दूसरा अमृत स्नान

महाकुंभ 2025 के तहत दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या के दिन होगा। पहले अमृत स्नान का आयोजन मकर संक्रांति पर 14 जनवरी को हुआ था। अमृत स्नान की विशेषता यह है कि इस दौरान गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, अमृत स्नान का समय अत्यधिक पुण्यदायी होता है। इस दौरान गंगा स्नान से भक्तों के समस्त कष्ट समाप्त होते हैं और उनके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मौनी अमावस्या के दिन संगम पर लाखों श्रद्धालुओं के जुटने की संभावना है।

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तीसरा और अंतिम अमृत स्नान

महाकुंभ का तीसरा और अंतिम अमृत स्नान बसंत पंचमी पर आयोजित होगा। इस वर्ष बसंत पंचमी 3 फरवरी को मनाई जाएगी। पंचमी तिथि 2 फरवरी को सुबह 9:14 से प्रारंभ होकर 3 फरवरी को सुबह 6:52 तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार यह पर्व 3 फरवरी को मनाया जाएगा।

बसंत पंचमी पर स्नान, पूजा और दान का विशेष महत्व है। महाकुंभ के तीसरे अमृत स्नान के साथ यह महापर्व समाप्त होगा, लेकिन इसकी आध्यात्मिक ऊर्जा जीवनभर प्रेरणा देती रहेगी।

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