प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना (PM Surya Ghar Yojana) भारत सरकार की एक क्रांतिकारी पहल है, जिसके तहत उपभोक्ताओं को अब अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए कोई पैसा नहीं देना होगा। इस योजना का उद्देश्य Renewable Energy को बढ़ावा देना और उपभोक्ताओं को बिजली बिल में राहत प्रदान करना है। जानें, इस योजना में क्या नए बदलाव हुए हैं और इसे कैसे लागू किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के अंतर्गत, उपभोक्ताओं को 2 किलोवाट तक के सोलर पैनल पर ₹30,000 की सब्सिडी दी जाती है। वहीं, 3 किलोवाट तक के पैनल पर यह राशि ₹48,000 तक और 3 किलोवाट से ऊपर के पैनल पर ₹78,000 तक जाती है। यह योजना विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो अपने बिजली बिल में बचत करना चाहते हैं और अपने घर को पर्यावरण-अनुकूल बनाना चाहते हैं।
बिजली बचत के लिए बढ़ रहा सोलर पैनल का रुझान
सोलर पैनल लगवाने का चलन भारत में तेजी से बढ़ रहा है। इसके पीछे मुख्य कारण बिजली बिल में बचत और Renewable Energy का उपयोग है। प्रधानमंत्री बिजली योजना के तहत, उपभोक्ताओं को अपने घर पर सोलर पैनल लगाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इससे न केवल उनकी जेब पर बोझ कम होता है, बल्कि देश को स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में आगे बढ़ाने में मदद भी मिलती है।
योजना में हुए नए बदलाव
भारत सरकार ने इस योजना के तहत दो नए वित्तीय मॉडल लॉन्च किए हैं, जो उपभोक्ताओं के लिए बेहद लाभकारी हैं। इन मॉडलों में उपभोक्ताओं को किसी भी तरह का प्रारंभिक निवेश करने की आवश्यकता नहीं होगी। उपयोगिता-आधारित एकत्रीकरण मॉडल (Utility-Based Aggregation Model) के तहत, बिजली वितरण कंपनियां (DISCOMs) और राज्य द्वारा संचालित कंपनियां उपभोक्ताओं के घरों पर सोलर पैनल लगाती हैं।
इसके बदले में, वे उपभोक्ताओं से नाममात्र की भुगतान राशि लेती हैं। यह मॉडल खासतौर पर मध्यम और निम्न आय वर्ग के उपभोक्ताओं के लिए डिजाइन किया गया है।