यदि आप शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं, तो आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने 1 वर्षीय बी.एड कोर्स को फिर से शुरू करने की घोषणा की है। 10 वर्षों बाद यह कोर्स नए नियमों और संरचनाओं के साथ छात्रों के लिए उपलब्ध होगा। NCTE के चेयरमैन प्रो. पंकज अरोड़ा ने इस बदलाव की विस्तृत जानकारी दी है, जिसे हम यहां विस्तार से प्रस्तुत कर रहे हैं।
1 वर्षीय बी.एड कोर्स
1 वर्षीय बी.एड कोर्स का मुख्य उद्देश्य शिक्षण क्षेत्र में गुणवत्ता को बढ़ावा देना और छात्रों को तेजी से रोजगार के अवसर प्रदान करना है। यह कोर्स उन छात्रों के लिए एक प्रभावी विकल्प है, जो शिक्षण को करियर के रूप में अपनाना चाहते हैं और कम समय में शिक्षक बनने का सपना देखते हैं।
कौन कर सकता है इस कोर्स में प्रवेश?
इस कोर्स के लिए वे छात्र योग्य हैं, जिन्होंने:
- चार वर्षीय स्नातक (ग्रेजुएशन) पाठ्यक्रम पूरा किया हो।
- स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रेजुएशन) की डिग्री हासिल की हो।
यह कोर्स न केवल छात्रों के समय की बचत करेगा, बल्कि उन्हें जल्दी करियर शुरू करने का अवसर भी प्रदान करेगा।
NCTE के नए नियम और गवर्निंग बॉडी की घोषणा
NCTE ने घोषणा की है कि 2025 में 1 वर्षीय बी.एड कोर्स को लेकर नए नियम लागू किए जाएंगे। यह बदलाव 2014 के नियमों की जगह लेंगे। नए नियमों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इस कोर्स के माध्यम से छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और आधुनिक शिक्षण कौशल प्रदान किए जा सकें।
4 वर्षीय ITEP कोर्स का महत्व
NCTE ने 64 भारतीय संस्थानों में 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) को भी प्राथमिकता दी है। यह कार्यक्रम छात्रों को डुअल डिग्री का अवसर देता है, जिसमें बीए-बी.एड, बीकॉम-बी.एड, और बीएससी-बी.एड जैसे विकल्प शामिल हैं। ITEP में अब योग, फिजिकल एजुकेशन, संस्कृत, और परफॉर्मिंग आर्ट्स जैसे विषयों को जोड़ा गया है।
ITEP vs 1 Year B.Ed, कौनसा है बेहतर?
ITEP जहां छात्रों को समग्र शिक्षा और विशेषज्ञता का अवसर देता है, वहीं 1 वर्षीय बी.एड कोर्स उन छात्रों के लिए फायदेमंद है, जो पहले ही स्नातक या स्नातकोत्तर स्तर की शिक्षा पूरी कर चुके हैं। यह कोर्स छात्रों को शिक्षण क्षेत्र में जल्दी प्रवेश करने का मार्ग प्रदान करता है।