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अब घर पर पाल सकेंगे शेर, चीता और टाइगर, बस सरकार को चुकानी होगी इतनी रकम, पूरी खबर देखें

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में नया कानून लागू हुआ है, जिसमें शेर, बाघ और चीता जैसे जानवरों को घर पर पालने की अनुमति दी गई है। इसके लिए सरकार से लाइसेंस लेना होगा और 50,000 रुपये की फीस देनी होगी। कानून में उनकी सुरक्षा और देखभाल के सख्त नियम शामिल हैं।

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अब घर पर पाल सकेंगे शेर, चीता और टाइगर, बस सरकार को चुकानी होगी इतनी रकम, पूरी खबर देखें
अब घर पर पाल सकेंगे शेर

पाकिस्तान में अब लोगों को शेर, बाघ और चीता जैसे खूंखार जानवरों को देखने के लिए चिड़ियाघर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पंजाब प्रांत की सरकार ने हाल ही में एक नया नियम लागू किया है, जिसके तहत लोग अपने घरों में शेर, टाइगर, चीता, प्यूमा और जगुआर जैसे जानवर पाल सकते हैं। इसके लिए सिर्फ सरकार को प्रति जानवर 50,000 रुपये की फीस देनी होगी।

वन्यजीव अधिनियम 1974 में संशोधन

पंजाब प्रांत में यह नया नियम वन्यजीव अधिनियम 1974 में संशोधन के बाद लागू किया गया है। सरकार ने जानवरों को पालतू बनाने के इच्छुक लोगों के लिए लाइसेंस का प्रावधान किया है। लाइसेंस प्राप्त करने के लिए न केवल शुल्क चुकाना होगा, बल्कि इन जानवरों की देखभाल के लिए विशेष मानकों का पालन भी करना होगा।

पंजाब प्रांत की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने बताया कि इस क्षेत्र में पिछले 70 सालों में ऐसा कोई नियम नहीं था। अब यह कानून न केवल लोगों को खूंखार जानवरों को पालतू बनाने की अनुमति देगा, बल्कि उनके सही देखभाल की जिम्मेदारी भी सुनिश्चित करेगा। हालांकि, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे TikTok पर इन जानवरों को दिखाने पर सख्त प्रतिबंध रहेगा।

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लाइसेंस और देखभाल की शर्तें

वन्यजीव विभाग द्वारा जारी किए गए नियमों के तहत कब्जे का लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, इन जानवरों को शहर की सीमा से बाहर रखा जाना चाहिए। उनके परिवहन और देखभाल के लिए समय सीमा निर्धारित की गई है। यदि कोई व्यक्ति इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच इन जानवरों का परिवहन भी अवैध घोषित किया गया है।

सुरक्षा और कानूनी पहलू

नियमों में यह सुनिश्चित किया गया है कि इन जानवरों की देखभाल के लिए उचित इंतजाम किए जाएं। मालिकों को उनकी सुरक्षा के लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। सरकार का मानना है कि इन शर्तों के पालन से न केवल जानवरों की सुरक्षा होगी, बल्कि इंसानों के लिए भी खतरा कम होगा।

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