Winter Holidays: हरियाणा में ठंड और शीतलहर का प्रकोप जारी है, जिसके चलते अंबाला और कुरुक्षेत्र जिलों में स्कूलों की छुट्टियां 18 जनवरी तक बढ़ा दी गई हैं। मौसम विभाग की हैवी फॉग और शीतलहर की चेतावनी को देखते हुए यह निर्णय लिया गया। रोहतक, सोनीपत और अन्य जिलों में भी ठंड का असर गंभीर है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
शीतकालीन अवकाश और उसका विस्तार
हरियाणा में पहले ही 1 जनवरी से 15 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश घोषित किया गया था। ठंड के कारण प्रशासन ने स्कूलों को 16 जनवरी से खोलने की योजना बनाई थी। लेकिन मौसम की स्थिति में सुधार न होने के कारण अंबाला और कुरुक्षेत्र में छुट्टियां बढ़ाने का निर्णय लिया गया। अन्य जिलों में भी प्रशासन सतर्कता बरत रहा है और मौसम की स्थिति को देखते हुए अवकाश बढ़ाने पर विचार कर सकता है।
ठंड का प्रभाव और सुरक्षा उपाय
हरियाणा के अधिकांश जिलों में न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी नीचे पहुंच गया है। घने कोहरे और सर्द हवाओं के कारण दृश्यता कम हो रही है, जिससे सड़कों पर यात्रा करना जोखिमपूर्ण हो गया है। छात्रों को स्कूल आने-जाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन ने बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए इन छुट्टियों का विस्तार किया है।
शिक्षकों की भूमिका और स्कूल प्रशासन
छात्रों को छुट्टियों का लाभ मिलेगा, लेकिन शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को स्कूल में उपस्थित रहकर प्रशासनिक कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करना होगा। स्कूलों में ठंड से बचाव के उपायों जैसे हीटर और गर्मी के अन्य साधनों की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
मौसम विभाग की भविष्यवाणियां और प्रशासन की तैयारियां
मौसम विभाग ने आगामी दिनों में भी शीतलहर और घने कोहरे का अनुमान लगाया है। प्रशासन ने सभी स्कूलों को आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश दिए हैं। स्कूल प्रबंधकों को छात्रों के लिए गर्म वातावरण और सुरक्षा सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है।
अभिभावकों के लिए सुझाव
अभिभावकों से अनुरोध है कि वे अपने बच्चों को गर्म कपड़ों में ढककर रखें और ठंड के समय बाहर जाने से बचाएं। सुबह और रात में यात्रा को टालने की सलाह दी गई है। बच्चों को गर्म पेय पदार्थ देने और घर पर सुरक्षित रखने के उपाय अपनाए जाएं।
छुट्टियों के बाद स्कूल खोलने की योजना
18 जनवरी के बाद स्कूल खुलने पर छात्रों की सुरक्षा प्राथमिकता होगी। कक्षाओं में हीटर की व्यवस्था की जाएगी और स्कूल टाइमिंग में बदलाव किया जा सकता है ताकि ठंड के प्रभाव को कम किया जा सके।