पंजाब के मालेरकोटला जिले में 17 जनवरी 2025 को कूका आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से सरकारी अवकाश घोषित किया गया है। डिप्टी कमिश्नर पल्लवी द्वारा की गई इस घोषणा के अनुसार, इस दिन सभी सरकारी, अर्द्ध-सरकारी दफ्तर, प्राइवेट स्कूल, शिक्षण संस्थान और बैंक बंद रहेंगे। यह निर्णय कूका आंदोलन के शहीदों की वीरता और बलिदान को सम्मानित करने के लिए लिया गया है।
नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के तहत घोषित अवकाश
यह अवकाश नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट 1881 की धारा 25 के तहत घोषित किया गया है। हालांकि, उन शिक्षण संस्थानों, यूनिवर्सिटियों और बोर्डों पर यह छुट्टी लागू नहीं होगी जहां परीक्षाएं चल रही हैं। यह निर्णय छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों में किसी प्रकार की रुकावट से बचाने के लिए किया गया है।
कूका आंदोलन
कूका आंदोलन भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जिसकी शुरुआत 19वीं सदी में पंजाब के मालेरकोटला क्षेत्र से हुई थी। यह आंदोलन अंग्रेजी हुकूमत के अन्याय और अत्याचार के खिलाफ था। इस आंदोलन के सेनानी अपने अधिकारों के लिए बिना किसी डर के लड़े और देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
शहीदों को सम्मानित करने का उद्देश्य
मालेरकोटला में इस अवकाश का मुख्य उद्देश्य कूका आंदोलन के शहीदों की स्मृति को जीवंत रखना है। यह दिन हमें उनके बलिदान की याद दिलाने और उनके योगदान को सराहने का अवसर प्रदान करता है। इस दिन आयोजित कार्यक्रमों के माध्यम से शहीदों की वीरता और देशप्रेम को सम्मानित किया जाएगा।
शिक्षण संस्थानों और कार्यालयों पर असर
इस अवकाश का प्रभाव सरकारी और निजी शिक्षण संस्थानों पर भी पड़ेगा। हालांकि, जहां परीक्षाएं चल रही हैं, वहां यह छुट्टी लागू नहीं होगी। इसके अलावा, सरकारी और अर्द्ध-सरकारी कार्यालयों, बैंकों और अन्य संस्थानों में यह अवकाश प्रभावी रहेगा। यह कदम कर्मचारियों को इस ऐतिहासिक दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने का अवसर प्रदान करता है।
शहीदों की याद में आयोजित कार्यक्रम
17 जनवरी को मालेरकोटला और पंजाब के अन्य हिस्सों में शहीदों को सम्मानित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इन कार्यक्रमों में कूका आंदोलन के नायकों की वीरगाथा सुनाई जाएगी, उनके योगदान को याद किया जाएगा और उनके बलिदान को नमन किया जाएगा।
युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा
कूका आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि देना केवल इतिहास को जीवंत रखने का प्रयास नहीं है, बल्कि यह युवा पीढ़ी को उनके बलिदान से प्रेरित करने का एक माध्यम भी है। यह पहल उन्हें स्वतंत्रता संग्राम के महत्व और देशभक्ति के प्रति जागरूक बनाने में सहायक होगी।
प्रशासन की पहल सराहनीय
मालेरकोटला प्रशासन द्वारा इस अवकाश की घोषणा एक सराहनीय कदम है। यह न केवल शहीदों के बलिदान को मान्यता देता है बल्कि समाज में उनके योगदान की महत्ता को भी रेखांकित करता है। इस निर्णय से यह सुनिश्चित किया गया है कि समाज उनके बलिदान को न भूले और उनकी स्मृति हमेशा बनी रहे।