21 जनवरी 2025 से भारत सरकार द्वारा राशन कार्ड और गैस सिलेंडर के नियमों में कई बड़े बदलाव लागू किए जा रहे हैं। इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद परिवारों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना और प्रणाली को अधिक पारदर्शी व कुशल बनाना है। इन नियमों के तहत राशन कार्ड धारकों को मुफ्त राशन के साथ ₹1000 की आर्थिक सहायता और गैस सिलेंडर वितरण प्रणाली में सुधार का आश्वासन दिया गया है।
राशन कार्ड के नए नियम
सरकार ने राशन वितरण प्रणाली को डिजिटलीकरण और पारदर्शी बनाने के लिए कई नए उपाय किए हैं। सभी राशन कार्ड धारकों को e-KYC अनिवार्य रूप से पूरा करना होगा, जिसकी समय सीमा 31 दिसंबर 2024 तक है। आय और संपत्ति के नए मानदंड निर्धारित किए गए हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि लाभ केवल योग्य परिवारों को मिले। शहरी क्षेत्रों में वार्षिक आय सीमा 3 लाख और ग्रामीण क्षेत्रों में 2 लाख रुपये तक तय की गई है।
संपत्ति सीमा के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में 100 वर्ग मीटर से बड़ा फ्लैट रखने वाले और ग्रामीण क्षेत्रों में 100 वर्ग मीटर से बड़ा प्लॉट रखने वाले परिवार इस योजना के पात्र नहीं होंगे। इसके अतिरिक्त, चार पहिया वाहन रखने वाले शहरी परिवार और ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रैक्टर स्वामित्व वाले परिवार भी योजना के लिए अपात्र माने जाएंगे।
डिजिटल राशन कार्ड की शुरुआत से राशन वितरण में आधार कार्ड या बायोमेट्रिक सत्यापन का उपयोग अनिवार्य होगा।
गैस सिलेंडर के नए नियम
गैस सिलेंडर वितरण को और अधिक पारदर्शी व सुरक्षित बनाने के लिए नए नियम लागू किए गए हैं। प्रत्येक परिवार को सालाना 6-8 सिलेंडर रियायती दर पर मिलेंगे। इससे अधिक सिलेंडर खरीदने पर बाजार दर लागू होगी। स्मार्ट गैस सिलेंडरों की शुरुआत की जा रही है, जिनमें चिप के माध्यम से सिलेंडर की भराई, उपभोग और वितरण का ट्रैक रखा जाएगा।
गैस सब्सिडी अब सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाएगी, जिससे फर्जी लाभार्थियों को रोका जा सकेगा। उच्च मानकों के सिलेंडरों से गैस लीक जैसी दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी।
इन नए नियमों के लाभ
सरकार की इन पहलों से समाज के गरीब और जरूरतमंद वर्गों को प्रत्यक्ष लाभ होगा। डिजिटलीकरण से वितरण प्रणाली में भ्रष्टाचार की संभावनाएं कम होंगी। ₹1000 की आर्थिक सहायता से गरीब परिवार अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को आसानी से पूरा कर पाएंगे।
गैस सिलेंडरों में स्मार्ट तकनीक और उच्च मानकों के चलते घरों में सुरक्षा बढ़ेगी। साथ ही, सब्सिडी सीधे बैंक खाते में जाने से प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और असली जरूरतमंदों तक लाभ पहुंच सकेगा।