21 जनवरी 2025 से बीएड-B.Ed और डीएलएड-D.El.Ed धारकों के लिए नए नियम लागू होने जा रहे हैं, जो शिक्षा क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाएंगे। इन नियमों के अंतर्गत, योग्य शिक्षकों के लिए सरकारी स्कूलों में नौकरी पाने का सुनहरा अवसर उपलब्ध होगा। यह पहल सरकार की शिक्षा सुधार नीति का हिस्सा है, जो हजारों शिक्षकों के करियर को एक नई दिशा प्रदान करेगी।
शिक्षा की गुणवत्ता और रोजगार में सुधार
इस पहल का मुख्य उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और योग्य युवाओं को प्रोत्साहित करना है। बीएड और डीएलएड धारकों के लिए विशेष रूप से बनाए गए इन नियमों के माध्यम से स्कूलों में पढ़ाई के स्तर को बेहतर बनाया जाएगा। ग्रामीण इलाकों में शिक्षक की कमी दूर करने के लिए यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश और प्राथमिक शिक्षक भर्ती में बदलाव
11 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, प्राथमिक शिक्षक भर्ती में अब केवल डीएलएड धारकों को मान्यता दी जाएगी। बीएड धारक प्राथमिक स्तर पर योग्य नहीं होंगे, लेकिन वे जूनियर स्तर (कक्षा 6-8) की शिक्षक भर्ती में सम्मिलित हो सकते हैं। इसके लिए राज्य स्तरीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास करना अनिवार्य होगा। इस बदलाव से योग्य शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।
नए पाठ्यक्रम और अवसर
शिक्षक बनने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए नए अवसर खोले गए हैं:
- आईटीईपी कोर्स-ITEP: 12वीं के बाद इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) के तहत शिक्षक बनने का अवसर मिलेगा। यह कोर्स जनवरी 2025 से कुछ कॉलेजों में शुरू हो जाएगा।
- राज्य और केंद्रीय TET सर्टिफिकेट: बीएड और डीएलएड धारकों को राज्य या केंद्रीय TET पास करना होगा। हालांकि, कुछ राज्यों में केवल राज्य स्तरीय प्रमाण पत्र ही मान्य होगा, जबकि अन्य सीटेट (CTET) को भी स्वीकार करेंगे।
नियमित शिक्षक भर्तियों की शुरुआत
नई शिक्षा नीति के अंतर्गत, हर वर्ष नियमित शिक्षक भर्तियां आयोजित की जाएंगी। इसके लिए एक कैलेंडर जारी किया जाएगा, जिसमें भर्तियों से संबंधित सभी आवश्यक जानकारियां दी जाएंगी। बीएड और डीएलएड धारकों को इस प्रक्रिया में सम्मिलित होने का अवसर मिलेगा, जिससे शिक्षा प्रणाली में स्थायित्व और पारदर्शिता आएगी।
नए नियमों का लाभ
इन नए नियमों से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
- योग्य शिक्षकों की भर्ती से स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता बेहतर होगी।
- ग्रामीण इलाकों में शिक्षकों की कमी को दूर किया जा सकेगा।
- सरकारी स्कूलों में बीएड और डीएलएड धारकों के लिए रोजगार के अनगिनत अवसर खुलेंगे।