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जमीन की रजिस्ट्री से पहले जानें ये 18 नए नियम, छोटी चूक से हो सकता है बड़ा नुकसान!

संक्षेप:जमीन रजिस्ट्री के नए नियम 2025 डिजिटल और सुरक्षित रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का वादा करते हैं। आधार लिंकिंग, ऑनलाइन भुगतान, और ULPIN जैसे सुधार इसे अधिक पारदर्शी और विवाद मुक्त बनाएंगे।

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जमीन की रजिस्ट्री से पहले जानें ये 18 नए नियम, छोटी चूक से हो सकता है बड़ा नुकसान!
जमीन की रजिस्ट्री

भारत में जमीन और प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री संपत्ति के कानूनी स्वामित्व को सुनिश्चित करने की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। हाल ही में, सरकार ने जमीन रजिस्ट्री प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और आधुनिक बनाने के उद्देश्य से कई बड़े बदलावों की घोषणा की है, जो 1 जनवरी 2025 से लागू होंगे। इन नए नियमों का लक्ष्य न केवल प्रक्रिया को सरल और तेज बनाना है, बल्कि फर्जी रजिस्ट्री और जमीन विवादों को भी रोकना है।

जमीन रजिस्ट्री प्रक्रिया का डिजिटल युग

2025 से जमीन रजिस्ट्री पूरी तरह से डिजिटल हो जाएगी। अब कागजी प्रक्रिया की जगह ऑनलाइन दस्तावेज़ प्रबंधन और डिजिटल सिग्नेचर का उपयोग किया जाएगा।

  • सभी दस्तावेज़ डिजिटल फॉर्मेट में जमा होंगे।
  • रजिस्ट्रार कार्यालय जाने की आवश्यकता समाप्त होगी।
  • ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन और रजिस्ट्री की पूरी प्रक्रिया पूरी की जा सकेगी।
  • डिजिटल सर्टिफिकेट रजिस्ट्री प्रक्रिया के तुरंत बाद उपलब्ध होगा।

डिजिटल प्रक्रिया से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि भ्रष्टाचार और मानवीय त्रुटियों की संभावनाएं भी कम होंगी।

आधार कार्ड से अनिवार्य लिंकिंग

नए नियमों के तहत, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन को आधार कार्ड से लिंक करना अनिवार्य होगा।

  • प्रॉपर्टी खरीदने और बेचने वालों के लिए बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन आवश्यक होगा।
  • आधार लिंकिंग से प्रॉपर्टी रिकॉर्ड को एकीकृत और पारदर्शी बनाया जाएगा।
  • यह प्रक्रिया फर्जी रजिस्ट्री और बेनामी संपत्ति के मामलों पर पूर्ण विराम लगाएगी।

वीडियो रिकॉर्डिंग की नई व्यवस्था

अब रजिस्ट्री प्रक्रिया के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य होगी।

  • रजिस्ट्री के समय पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी।
  • खरीदार और विक्रेता के बयान रिकॉर्ड किए जाएंगे।
  • यह रिकॉर्ड भविष्य में किसी विवाद के समाधान में प्रमाण के रूप में काम आएगा।

इस कदम से प्रक्रिया की पारदर्शिता में वृद्धि होगी और धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी।

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ऑनलाइन फीस भुगतान

रजिस्ट्री शुल्क और स्टांप ड्यूटी का भुगतान अब डिजिटल माध्यम से किया जाएगा।

  • डिजिटल पेमेंट गेटवे के माध्यम से UPI, नेट बैंकिंग, डेबिट और क्रेडिट कार्ड का उपयोग संभव होगा।
  • ऑनलाइन भुगतान से नकद लेनदेन की आवश्यकता समाप्त होगी।
  • प्रक्रिया तेज और अधिक पारदर्शी बनेगी।

Unique Land Parcel Identification Number (ULPIN)

ULPIN के माध्यम से हर जमीन के टुकड़े को एक यूनिक आईडी दी जाएगी।

  • यह 14 अंकों का अल्फा-न्यूमेरिक कोड होगा।
  • इसमें प्रॉपर्टी का सटीक विवरण जैसे मालिक, आकार और स्थान शामिल होगा।
  • यह प्रॉपर्टी लेनदेन को अधिक सुरक्षित और विवाद मुक्त बनाएगा।

इलेक्ट्रॉनिक स्टैम्पिंग की सुविधा

स्टैम्प पेपर की जालसाजी रोकने के लिए अब इलेक्ट्रॉनिक स्टैम्पिंग लागू होगी।

  • स्टैम्प ड्यूटी का भुगतान ऑनलाइन किया जाएगा।
  • दस्तावेजों की सुरक्षा और प्रक्रिया की गति में सुधार होगा।
  • पारंपरिक स्टैम्प पेपर की जगह अब डिजिटल स्टैम्प का उपयोग होगा।

आवश्यक दस्तावेज़ और प्रक्रिया

2025 से जमीन रजिस्ट्री के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ जरूरी होंगे:

  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट्स (जैसे सेल डीड, टाइटल डीड)
  • नॉन एनकंबरेंस सर्टिफिकेट
  • रेवेन्यू रिकॉर्ड्स
  • म्युनिसिपल टैक्स रसीदें
  • फोटो आईडी प्रूफ

सभी दस्तावेज़ स्कैन करके ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे। इसके बाद रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी होगी।

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