आईएएस अधिकारी मोहिंदर सिंह के खिलाफ हाल ही में हुई छापेमारी ने प्रशासनिक प्रणाली में फैले भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया। उत्तर प्रदेश कैडर के इस वरिष्ठ अधिकारी के घर से सोने और हीरे का भंडार मिलने के बाद से पूरा मामला सुर्खियों में है। लोटस 300 घोटाले की जांच के तहत हुई इस छापेमारी में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए, जिससे सरकारी तंत्र पर कई सवाल खड़े हुए।
यूपी कैडर के प्रभावशाली अधिकारी
मोहिंदर सिंह, 1978 बैच के आईएएस अधिकारी, अपनी प्रशासनिक कुशलता और राजनीतिक संबंधों के कारण उत्तर प्रदेश के सबसे प्रभावशाली अफसरों में गिने जाते थे। मायावती सरकार के दौरान उन्होंने नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी (Noida Development Authority) के सीईओ पद पर रहते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। उनकी प्रशासनिक यात्रा 34 साल लंबी रही, जिसमें उन्होंने यूपी में विभिन्न विकास प्राधिकरणों में बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स को संभाला।
लोटस 300 घोटाला और छापेमारी के सनसनीखेज खुलासे
ईडी (ED) द्वारा दिल्ली, नोएडा, मेरठ और चंडीगढ़ में की गई छापेमारी में IAS अधिकारी मोहिंदर सिंह के चंडीगढ़ स्थित घर से 12 करोड़ रुपये के हीरे और सोने के गहने बरामद हुए। इस छापेमारी के बाद 300 करोड़ रुपये के लोटस 300 घोटाले में उनकी भूमिका पर सवाल उठे। छापेमारी में शामिल अधिकारियों के अनुसार, बरामद संपत्ति और दस्तावेज़ों ने इस घोटाले को और गंभीर बना दिया।
नोएडा ट्विन टावर घोटाले में भी नाम आया सामने
मोहिंदर सिंह का नाम सुपरटेक और आम्रपाली बिल्डर्स जैसे विवादित प्रोजेक्ट्स में भी जुड़ा। नोएडा के ट्विन टावर घोटाले में 26 अधिकारियों का नाम शामिल था, जिनमें से 20 रिटायर्ड अधिकारी थे। मोहिंदर सिंह पर इन प्रोजेक्ट्स में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए।