राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने बरेली में रिंग रोड के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज़ी से पूरा करने का बड़ा कदम उठाया है। किसानों को मुआवजा देने के लिए 300 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इन धनराशियों को भू-स्वामियों के खातों में जल्द से जल्द स्थानांतरित किया जाएगा, जिनकी कागजी कार्यवाही पूरी हो चुकी है। मार्च तक निर्माण एजेंसी का चयन कर लिया जाएगा, और यदि सब कुछ योजना के अनुसार चलता रहा, तो इस वर्ष अक्टूबर में निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
रिंग रोड का महत्व और डिजाइन
एनएचएआई द्वारा तैयार डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) के अनुसार, रिंग रोड बरेली के झुमका चौराहा से शुरू होकर बुखारा होते हुए इनवर्टिस यूनिवर्सिटी के पास राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 30 से जुड़ेगी। यह 29.92 किलोमीटर लंबी चार लेन सड़क होगी। इस परियोजना में सिक्स लेन के अंडरपास और ओवरब्रिज शामिल हैं, जिनमें चार बड़े और सात छोटे पुल, दो फ्लाईओवर और चार रेल ओवरब्रिज प्रस्तावित हैं। इसके अलावा, 17 किलोमीटर लंबी सर्विस रोड भी बनाई जाएगी।
इस पूरे प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 2074.90 करोड़ रुपये है। इसमें से 907.25 करोड़ रुपये सड़क निर्माण के लिए और 1167.65 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण एवं अन्य व्ययों पर खर्च होंगे। रिंग रोड निर्माण के लिए कुल 187 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत होनी है, जिसके लिए अब तक 863 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
मुआवजा वितरण की प्रक्रिया
परियोजना निदेशक प्रशांत दुबे के अनुसार, भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को गति देने के लिए अब तक 300 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। जैसे-जैसे धनराशि स्वीकृत होती जाएगी, इसे किसानों के खातों में स्थानांतरित किया जाएगा। मुआवजा वितरण के लिए विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी का कार्यालय सक्रिय रूप से काम कर रहा है। यह पहल भू-स्वामियों के बीच विश्वास बढ़ाने और भूमि कब्जा प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है।
निर्माण की समय-सीमा और अपेक्षित प्रगति
मार्च तक निर्माण एजेंसी के चयन की प्रक्रिया पूरी होने की संभावना है। यदि सब कुछ योजना के अनुसार चलता है, तो अक्टूबर 2025 तक निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
परियोजना की लागत और प्राथमिकता
इस परियोजना पर कुल लागत 2074.90 करोड़ रुपये आने का अनुमान है। इसमें रिंग रोड निर्माण के लिए 907.25 करोड़ रुपये और भूमि अधिग्रहण एवं करों के लिए 1167.65 करोड़ रुपये शामिल हैं। एनएचएआई की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि प्रोजेक्ट तय समय-सीमा में पूरा हो, ताकि यातायात को सुगम बनाया जा सके और बरेली को राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क से और बेहतर तरीके से जोड़ा जा सके।