बैंकों की हड़ताल एक ऐसा विषय है, जो सीधे तौर पर ग्राहकों और बैंक कर्मचारियों दोनों को प्रभावित करता है। पब्लिक सेक्टर बैंकों (PSBs) के कर्मचारी आगामी 24 और 25 फरवरी 2025 को दो दिवसीय हड़ताल पर जा सकते हैं। यह हड़ताल ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन (AIBOC) द्वारा अपनी लंबित मांगों को समर्थन देने के लिए आयोजित की जाएगी। इसके पीछे बैंकिंग इंडस्ट्री के कई अहम मुद्दे जुड़े हुए हैं, जो लंबे समय से अनसुलझे हैं।
हड़ताल के प्रमुख कारण
AIBOC ने इस हड़ताल के पीछे कई अहम मुद्दों को जिम्मेदार ठहराया है।
5 दिन वर्किंग
बैंक कर्मचारी लंबे समय से 5 दिन कार्यदिवस की मांग कर रहे हैं। यह मांग इस हड़ताल का सबसे बड़ा कारण है, क्योंकि कर्मचारियों का मानना है कि इससे वर्क-लाइफ बैलेंस बेहतर होगा।
स्टाफ की भर्ती
सभी कैडर में खाली पदों को भरने और कर्मचारियों की कमी को दूर करने की मांग की जा रही है। स्टाफ की कमी के कारण मौजूदा कर्मचारियों पर अतिरिक्त कार्यभार पड़ता है।
DFS निर्देशों की वापसी
वित्तीय सेवा विभाग (DFS) द्वारा परफॉर्मेंस रिव्यू और प्रोडक्टिविटी-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) पर दिए गए हालिया निर्देश कर्मचारियों को भेदभावपूर्ण लगते हैं। AIBOC का कहना है कि ये निर्देश नौकरी की सुरक्षा को खतरे में डालते हैं।
महत्वपूर्ण नियुक्तियां
संघ ने कार्यकर्ता/अधिकारी निदेशकों के खाली पदों को तत्काल भरने की मांग की है।
IBA के साथ लंबित मामले
भारतीय बैंक संघ (IBA) के साथ कर्मचारियों की मांगों को लेकर कई मुद्दे लंबित हैं, जिनका समाधान जल्द निकाला जाना जरूरी है।
आंदोलन की योजना
AIBOC फरवरी के मध्य में हड़ताल का नोटिस जारी करेगी। संघ ने साफ किया है कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह हड़ताल केवल शुरुआत हो सकती है। संघ ने DFS पर बैंकों के संचालन में अनुचित हस्तक्षेप का भी आरोप लगाया है, जो बैंक बोर्ड की स्वायत्तता को कमजोर करता है।
ग्राहकों के लिए सुझाव
बैंकों की हड़ताल के दौरान ग्राहकों को अपनी जरूरतों के लिए डिजिटल बैंकिंग का सहारा लेना चाहिए। जैसे चेक क्लीयरेंस, कैश निकालना और अकाउंट अपडेट जैसी आवश्यक सेवाओं को हड़ताल से पहले पूरा कर लें। डिजिटल बैंकिंग विकल्प जैसे नेट बैंकिंग, मोबाइल ऐप और एटीएम का उपयोग करें ताकि किसी भी असुविधा से बचा जा सके।