उत्तर प्रदेश के बिजली विभाग ने पुराने लखनऊ के विभिन्न इलाकों में बड़े पैमाने पर बिजली चेकिंग अभियान चलाकर बिजली चोरी पर सख्त कार्रवाई की। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य अवैध बिजली कनेक्शनों को समाप्त करना और नागरिकों को वैध कनेक्शन लेने के लिए प्रेरित करना था। बालाघाट, चौपटिया, राधाग्राम, हनुमान सेतु, मेडिकल कॉलेज और मेहताबबाग जैसे क्षेत्रों में यह व्यापक अभियान संचालित किया गया।
31 घरों में अवैध बिजली उपयोग का खुलासा
अभियान के दौरान 31 घरों में अवैध रूप से बिजली उपयोग करने के मामले पकड़े गए। इनमें से अधिकांश घरों में हीटर और ब्लोअर जैसे उपकरणों का इस्तेमाल हो रहा था, जिससे बिजली की खपत बहुत अधिक थी। विभागीय कर्मचारियों ने इन मामलों पर तत्काल कार्रवाई करते हुए इन सभी घरों के कनेक्शनों को पोल से काट दिया।
अवैध कनेक्शनों पर तत्काल कार्रवाई
मुख्य अभियंता के निर्देश पर विद्युत विभाग ने अवैध कनेक्शनों के खिलाफ सख्ती दिखाई। कनेक्शन काटने की कार्रवाई के दौरान कई स्थानीय निवासियों ने इसे जोड़ने की मांग की, लेकिन विभागीय कर्मचारियों ने स्पष्ट रूप से इनकार करते हुए अपनी कार्रवाई जारी रखी। इस कड़ी कार्रवाई के दौरान 51 किलोवाट लोड की बिजली चोरी पकड़ी गई, जो विभागीय राजस्व के लिए एक बड़ा नुकसान थी।
बिजली चोरी के खिलाफ मुकदमे दर्ज
लखनऊ सेंट्रल जोन के मुख्य अभियंता रवि अग्रवाल ने जानकारी दी कि इस कार्रवाई के तहत 30 लोगों के खिलाफ बिजली चोरी के मामलों में कानूनी मुकदमे दर्ज किए गए हैं। यह सुनिश्चित किया गया है कि दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी और ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरती जाएगी।
नियमित अभियानों की योजना
बिजली विभाग ने यह ऐलान किया है कि ऐसे अभियान नियमित रूप से चलाए जाएंगे ताकि बिजली चोरी के मामलों पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जा सके। विभाग का लक्ष्य है कि हर उपभोक्ता को बिजली का वैध कनेक्शन लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाए और अवैध कनेक्शनों से होने वाले नुकसान को रोका जा सके।
स्थानीय निवासियों में मिली-जुली प्रतिक्रिया
इस कार्रवाई के बाद स्थानीय लोगों में विभिन्न प्रकार की प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कुछ लोगों ने इसे बिजली विभाग का सही कदम बताया, जबकि कुछ इससे नाराज नजर आए। हालांकि विभाग ने साफ कर दिया है कि बिजली चोरी के मामलों में किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाएगी।
बिजली चोरी से होने वाले नुकसान
बिजली चोरी से केवल आर्थिक नुकसान ही नहीं होता, बल्कि यह बिजली की आपूर्ति पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती है। अवैध कनेक्शन की वजह से वैध उपभोक्ताओं को बिजली कटौती और लो वोल्टेज जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, यह बिजली विभाग के संसाधनों पर भी अनावश्यक दबाव डालता है, जिससे पूरे सिस्टम की कार्यक्षमता प्रभावित होती है।
अवैध कनेक्शन हटाने के फायदे
अवैध कनेक्शनों को हटाने से न केवल राजस्व में वृद्धि होती है, बल्कि वैध उपयोगकर्ताओं को भी बेहतर और स्थिर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होती है। इसके साथ ही, बिजली चोरी के मामलों में कमी आने से पूरे पावर सिस्टम में सुधार होता है।
बिजलीविभाग की अपील
विद्युत विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे बिजली का वैध कनेक्शन लें और चोरी जैसे गलत कार्यों से बचें। विभाग ने चेतावनी दी है कि बिजली चोरी के मामलों में दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।