उत्तर प्रदेश में विकास की रफ्तार को नई ऊंचाई देने के लिए प्रयागराज से अयोध्या तक 6 लेन ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे बनाने को मंजूरी दे दी गई है। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से अयोध्या, प्रतापगढ़ और प्रयागराज को सीधा जोड़ा जाएगा, जिससे इन जिलों को बड़ा आर्थिक और सामाजिक लाभ मिलेगा। इस परियोजना की कुल लंबाई 90 किलोमीटर होगी और इसे बनाने में लगभग 5,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
90 किलोमीटर लंबा और अत्याधुनिक होगा एक्सप्रेसवे
अयोध्या-प्रयागराज एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 90 किलोमीटर होगी। यह हाईवे वर्तमान सड़क के समानांतर बनाया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे की चौड़ाई 38 मीटर होगी, जिसमें 15-15 मीटर चौड़े कैरिज-वे, 2 मीटर का फोल्डर और सर्विस रोड शामिल होंगे।
इस हाईवे पर लोहे के गार्डर लगाए जाएंगे ताकि आवारा पशु एक्सप्रेसवे पर प्रवेश न कर सकें और सड़क हादसों की संख्या को कम किया जा सके।
दो चरणों में होगा निर्माण
एक्सप्रेसवे का निर्माण दो चरणों में होगा। पहले चरण में, 84 कोस परिक्रमा स्थल अयोध्या के भरत कुंड परिक्रमा मार्ग से कटका तक निर्माण होगा। दूसरे चरण में कटका से प्रतापगढ़ के गोंडे गांव सोनावां तक एक्सप्रेसवे का विस्तार किया जाएगा।
निर्माण प्रक्रिया और चुनौतियां
इस परियोजना की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने की जिम्मेदारी टीएएसपीएल दिल्ली को सौंपी गई है। निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण का काम शुरू किया जा रहा है। इसके लिए किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। हालांकि, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की एयर स्ट्रिप और क्रॉसिंग के कारण कुछ बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं। इसके समाधान के लिए एयरफोर्स और यूपीडा से एनओसी ली जाएगी।
एक्सप्रेसवे पर होंगे 6 आरओबी और फ्लाईओवर
नए एक्सप्रेसवे पर 6 आरओबी (रेलवे ओवरब्रिज) और कई पुल बनाए जाएंगे। लखनऊ-वाराणसी रेलखंड पर एक ओवरब्रिज का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे क्रॉसिंग पर 18 मीटर ऊंचाई पर 6 लेन का फ्लाईओवर भी बनाया जाएगा। गोमती नदी पर भी 6 लेन का पुल निर्माण प्रस्तावित है।
सफर होगा तेज और सुगम
फिलहाल प्रयागराज से अयोध्या की दूरी 170 किलोमीटर है और इसे तय करने में लगभग 4-5 घंटे का समय लगता है। एक्सप्रेसवे बनने के बाद यह दूरी मात्र ढाई घंटे में तय की जा सकेगी। इस परियोजना के पूरा होने से यातायात के दबाव को कम करने में भी मदद मिलेगी।
परियोजना की लागत और समयसीमा
इस परियोजना की अनुमानित लागत 5,000 करोड़ रुपये है। इसे अगले तीन वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं से राहत
वर्तमान हाईवे कई गांवों से होकर गुजरता है, जिससे ट्रैफिक धीमा हो जाता है और अक्सर जाम की स्थिति बनती है। नया एक्सप्रेसवे इस समस्या को दूर करेगा। साथ ही, एक्सेस कंट्रोल फीचर और आवारा पशुओं की रोकथाम के लिए बनाए गए सुरक्षा उपाय सड़क हादसों को कम करेंगे।