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14 या 15 जनवरी? कब है स्कूलों में मकर संक्रांति की छुट्टी, जानें Makar Sankranti Holiday

ठंड का मौसम, विंटर वैकेशन और 14 जनवरी को डबल फेस्टिवल का मज़ा; जानें यूपी सरकार की इस खास घोषणा का महत्व और इसका पूरा शेड्यूल।

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उत्तर भारत में इन दिनों कड़ाके की ठंड का असर साफ नजर आ रहा है। उत्तर प्रदेश (UP) में भी ठंड की तीव्रता के चलते स्कूलों में विंटर वैकेशन चल रहे हैं। ऐसे में बच्चों के साथ-साथ बड़ों के लिए भी खुशखबरी है कि यूपी सरकार ने 14 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश (Public Holiday) की घोषणा की है। इस दिन मोहम्मद हजरत अली का जन्म दिवस और मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा।

इस सार्वजनिक अवकाश के दौरान स्कूल-कॉलेज के साथ-साथ सरकारी कार्यालय भी बंद रहेंगे। केवल इमरजेंसी सेवाएं सामान्य रूप से जारी रहेंगी। यह छुट्टी प्रदेशभर में लागू होगी, जिससे हर वर्ग के लोग अपने परिवार के साथ इस खास दिन का आनंद उठा सकेंगे।

स्कूलों में 15 जनवरी तक बंद रहेंगी कक्षाएं

प्रदेश सरकार ने 31 दिसंबर, 2024 से 14 जनवरी, 2025 तक शीतकालीन अवकाश की घोषणा की है। इस दौरान सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई स्थगित रहेगी। इसमें CBSE, ICSE और अन्य बोर्डों के हिंदी व अंग्रेजी माध्यम के स्कूल शामिल हैं।

बेसिक शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इन छुट्टियों का सख्ती से अनुपालन कराया जाए। इस पहल का उद्देश्य बच्चों और शिक्षकों को ठंड के प्रकोप से बचाव करना है।

क्यों मनाया जाता है मोहम्मद हजरत अली का जन्म दिवस?

मोहम्मद हजरत अली का जन्म इस्लामिक महीने रजब के 13वें दिन हुआ था। साल 2025 में यह दिन 14 जनवरी को पड़ रहा है। हजरत अली, इस्लाम के चौथे खलीफा और शिया मुसलमानों के अनुसार पहले इमाम माने जाते हैं। उनका जन्म मक्का में काबा के पवित्र स्थल पर हुआ था, जिसे मुस्लिम समाज में बेहद पवित्र माना जाता है।

हजरत अली के जन्मदिन पर उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश रहता है। इस दिन मस्जिदों को विशेष रूप से सजाया जाता है और नमाज अदा की जाती है। मुस्लिम परिवार उनके योगदान और आदर्शों को याद करने के लिए एकत्रित होते हैं।

मकर संक्रांति का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में यह पर्व विशेष महत्व रखता है। यह दिन सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश का प्रतीक है। इसे सूर्य के उत्तरायण होने का प्रारंभ भी कहा जाता है। इस खगोलीय घटना के साथ ही खरमास का समापन होता है, जिससे शुभ कार्यों की शुरुआत होती है।

उत्तर भारत में मकर संक्रांति बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। इस दिन गंगा, सरयू और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है। लोग स्नान के बाद दान-पुण्य और पूजा-पाठ करते हैं। इसके अलावा विभिन्न राज्यों में यह पर्व अपने-अपने सांस्कृतिक नामों से मनाया जाता है।

छुट्टी का लाभ उठाएं और उत्सव का आनंद लें

14 जनवरी को घोषित Public Holiday केवल एक दिन की छुट्टी नहीं है, बल्कि यह परिवार और समुदाय के साथ धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में भाग लेने का अवसर भी है। ठंड के इस मौसम में बच्चों से लेकर बड़े तक, सभी इस दिन का इंतजार कर रहे हैं।

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