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School Board Exam: अब साल में दो बार होगी बोर्ड कक्षाओं की परीक्षा, 11वीं और 12वीं के सेमेस्टर सिस्टम को लेकर शिक्षा मंत्री का प्लान

नई शिक्षा प्रणाली से बदलेगी पढ़ाई की तस्वीर: सेमेस्टर सिस्टम, नीट में बदलाव और UPSC मॉडल की तर्ज पर होगी तैयारी। जानें छात्रों के लिए क्या हैं फायदे।

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केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2026-27 से 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी। यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत लिया गया है, जिसका उद्देश्य छात्रों के शैक्षणिक तनाव को कम करना और समावेशी शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देना है।

शिक्षा मंत्री के अनुसार, इस नई प्रणाली से छात्रों को अपनी तैयारी को और बेहतर करने और अधिक अवसरों का लाभ उठाने का मौका मिलेगा। इससे छात्रों पर एक ही परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव नहीं रहेगा, जिससे वे तनाव मुक्त होकर पढ़ाई कर सकेंगे।

11वीं और 12वीं में लागू होगी सेमेस्टर प्रणाली

धर्मेंद्र प्रधान ने यह भी घोषणा की कि 11वीं और 12वीं कक्षा में सेमेस्टर प्रणाली (semester system) लागू की जाएगी। इस प्रणाली का मुख्य उद्देश्य छात्रों को नियमित अध्ययन और मूल्यांकन के अवसर प्रदान करना है।

इस प्रणाली के तहत छात्रों को सालभर में छोटे-छोटे चरणों में पढ़ाई और परीक्षा देने का मौका मिलेगा। इससे न केवल छात्रों की विषयों में गहरी समझ विकसित होगी, बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। सेमेस्टर सिस्टम छात्रों में नियमित अध्ययन की आदत विकसित करेगा और परीक्षा का तनाव कम करेगा।

परीक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव

साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने और सेमेस्टर प्रणाली लागू करने का मुख्य उद्देश्य छात्रों के शैक्षणिक तनाव (reduce academic pressure) को कम करना है। नई प्रणाली छात्रों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के अधिक अवसर प्रदान करेगी।

इसके अलावा, यह कदम शिक्षा प्रणाली को और समावेशी बनाने में मदद करेगा, जिसमें छात्रों को तनाव मुक्त और आधुनिक शिक्षा प्रणाली का अनुभव मिलेगा। इस बदलाव के तहत शिक्षा का मुख्य फोकस छात्रों के समग्र विकास (overall development) पर होगा।

नीट 2025 में बदलाव की योजना

शिक्षा मंत्री ने नीट यूजी 2025 (NEET UG) परीक्षा में संभावित बदलावों की भी चर्चा की। उन्होंने संकेत दिया कि परीक्षा के फॉर्मेट में बदलाव किया जा सकता है। इस पर स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ काम किया जा रहा है।

हालांकि, उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि बदलाव छात्रों के लिए अनुकूल और उनकी तैयारी में सहायक होंगे। नई प्रणाली निष्पक्ष मूल्यांकन (fair evaluation process) सुनिश्चित करेगी, ताकि छात्रों को उनके कौशल और ज्ञान के आधार पर सही अवसर मिल सके।

यूपीएससी मॉडल से प्रेरणा लेकर शिक्षा प्रणाली में सुधार

शिक्षा मंत्री ने यूपीएससी मॉडल (UPSC model for board exams) को अपनाने की संभावना पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस मॉडल से न केवल शिक्षा प्रणाली को मजबूत बनाया जा सकता है, बल्कि छात्रों की क्षमता और कौशल का बेहतर आकलन (better skill assessment) भी किया जा सकता है।

राज्य सरकारों और जिला स्तर पर प्रशासन के सहयोग से इस मॉडल को लागू करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता (quality education) में सुधार होगा और छात्रों को बेहतर अवसर मिलेंगे।

सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2025

सीबीएसई ने 2025 की बोर्ड परीक्षा की तिथियों की घोषणा कर दी है। यह परीक्षा 15 फरवरी से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगी। इस बार परीक्षा प्रणाली में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है।

हालांकि, 2026-27 से लागू होने वाली नई प्रणाली छात्रों के लिए अधिक अनुकूल और आधुनिक होगी। इससे उन्हें वैश्विक मानकों के अनुरूप शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिलेगा।

नई शिक्षा प्रणाली के लाभ

शिक्षा मंत्री ने नई प्रणाली के लाभों पर भी प्रकाश डाला:

  1. साल में दो बार परीक्षा आयोजित करने से छात्रों पर एक साथ भारी दबाव नहीं पड़ेगा।
  2. सेमेस्टर प्रणाली से छात्रों में नियमित पढ़ाई और तैयारी की आदत विकसित होगी।
  3. नई प्रणाली छात्रों के ज्ञान और कौशल का निष्पक्ष और व्यापक मूल्यांकन सुनिश्चित करेगी।
  4. छात्रों के शैक्षणिक और व्यक्तिगत विकास पर ध्यान दिया जाएगा, जिससे उनका आत्मविश्वास और कौशल दोनों बढ़ेंगे।

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