केंद्र सरकार द्वारा 8th Pay Commission के गठन की घोषणा ने उत्तर प्रदेश के लगभग 8 लाख सरकारी कर्मचारियों और 4 लाख पेंशनभोगियों के बीच उम्मीदें बढ़ा दी हैं। यह आयोग 2026 में अपनी रिपोर्ट पेश करेगा, जिसके बाद यूपी सरकार द्वारा इसे लागू किए जाने की संभावना है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस आयोग के लागू होने से कर्मचारियों की सैलरी में 25% से 30% तक की वृद्धि हो सकती है, जबकि फिटमेंट फैक्टर को 2.86 तक बढ़ाने से न्यूनतम बेसिक सैलरी में 186% तक का उछाल देखने को मिलेगा।
फिटमेंट फैक्टर और सैलरी वृद्धि का गणित
फिटमेंट फैक्टर सरकारी वेतन संरचना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इसके बढ़ने से कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में बड़ा अंतर आता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी ₹18,000 है, तो 2.86 के फिटमेंट फैक्टर के आधार पर यह बढ़कर ₹51,480 हो सकती है। यह वृद्धि कर्मचारियों को न केवल वित्तीय स्थिरता देगी, बल्कि उनके जीवनस्तर को भी बेहतर बनाएगी।
वर्तमान में, यूपी के कर्मचारियों को 53% महंगाई भत्ता (DA) मिल रहा है, जो 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद और बढ़ सकता है। इसका सीधा मतलब यह है कि यूपी के सरकारी कर्मचारियों की कुल सैलरी में बंपर वृद्धि तय है।
कब लागू होगा 8th Pay Commission?
रिपोर्ट्स के अनुसार, यूपी सरकार की योजना है कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों को केंद्रीय सरकार के बाद जल्द से जल्द लागू किया जाए। सातवें वेतन आयोग के समय यूपी सरकार ने इसे केंद्र के 5-6 महीने बाद लागू किया था। इसी तरह, 8वें वेतन आयोग के तहत यूपी के सरकारी कर्मचारियों को जून 2026 तक इसका लाभ मिल सकता है।
महंगाई भत्ता और कुल सैलरी पर प्रभाव
महंगाई भत्ता (DA) कर्मचारियों की सैलरी का अहम हिस्सा है। फिलहाल यूपी सरकार 53% डीए दे रही है, जो वेतन आयोग के लागू होने के बाद बढ़ने की उम्मीद है। डीए में यह वृद्धि कर्मचारियों की क्रय शक्ति को बढ़ाएगी और उन्हें महंगाई से राहत दिलाएगी।