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ओबीसी लिस्ट में इन 6 राज्यों की 80 जातियों को किया जाएगा शामिल, देखें

केंद्र सरकार ने ओबीसी लिस्ट में 80 नई जातियों को जोड़ने की प्रक्रिया तेज कर दी है। छह राज्यों से प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है। यह कदम सामाजिक न्याय और वंचित समुदायों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन साबित होगा।

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ओबीसी लिस्ट में इन 6 राज्यों की 80 जातियों को किया जाएगा शामिल, देखें
ओबीसी लिस्ट

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) के प्रमुख हंसराज गंगाराम अहीर ने हाल ही में यह घोषणा की है कि केंद्र सरकार छह राज्यों से लगभग 80 जातियों को ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) की लिस्ट में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है। यह कदम वंचित समुदायों को समाज की मुख्यधारा में लाने और उन्हें शिक्षा, रोजगार और सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

ओबीसी लिस्ट में शामिल किए गए समुदायों की मौजूदा स्थिति

सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण मंत्रालय की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के 16 समुदायों को ओबीसी लिस्ट में शामिल किया है। यह सरकार द्वारा सामाजिक न्याय के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों को रेखांकित करने का प्रयास है।

आने वाले समय में महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों से और जातियों को इस सूची में जोड़ने की योजना है। ये कदम सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं, जिसमें वह समाज के हर वर्ग को समान अवसर देने का प्रयास कर रही है।

राज्यों से आए प्रस्तावों पर एक नज़र

1. तेलंगाना

तेलंगाना सरकार ने केंद्र से आग्रह किया है कि राज्य की ओबीसी लिस्ट में शामिल 40 जातियों को केंद्र की ओबीसी लिस्ट में भी शामिल किया जाए।

2. आंध्र प्रदेश

आंध्र प्रदेश सरकार ने तुरुक कापू जाति को केंद्र की सूची में शामिल करने की सिफारिश की है। यह समुदाय राज्य की सामाजिक और आर्थिक संरचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

3. हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश सरकार ने माझरा समुदाय का नाम ओबीसी सूची में जोड़ने का प्रस्ताव दिया है।

4. महाराष्ट्र

महाराष्ट्र सरकार ने लोधी, लिंगायत, भोयर पवार और झंडसे जातियों को शामिल करने की सिफारिश की है। ये जातियां राज्य में सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।

5. पंजाब और हरियाणा

पंजाब सरकार ने यादव समुदाय को और हरियाणा सरकार ने गोसाई (या गोसांई) समुदाय को केंद्र की ओबीसी लिस्ट में जोड़ने का आग्रह किया है।

ओबीसी लिस्ट में जातियों को जोड़ने की प्रक्रिया

एनसीबीसी कानून 1993 के तहत, ओबीसी लिस्ट में जातियों को जोड़ने की प्रक्रिया व्यवस्थित और चरणबद्ध होती है। सबसे पहले, राज्य सरकारें अपने प्रस्ताव आयोग को भेजती हैं। इसके बाद एनसीबीसी एक बेंच का गठन करती है, जो इन प्रस्तावों पर विचार करती है।

आयोग की मंजूरी मिलने के बाद यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाता है। इसके बाद, इस पर कैबिनेट निर्णय लेती है और इसे कानून के रूप में लागू किया जाता है। अंततः राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद ये बदलाव लागू होते हैं।

यह प्रक्रिया अन्य सूचियों, जैसे अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST), की तुलना में सरल है क्योंकि इसमें रजिस्ट्रार जनरल की अनुमति की आवश्यकता नहीं होती।

ओबीसी लिस्ट में बदलाव

2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद, ओबीसी लिस्ट में 16 नए समुदायों को जोड़ा गया है। इसके अलावा, संविधान के 105वें संशोधन के माध्यम से राज्यों को अपनी ओबीसी लिस्ट बनाने की स्वतंत्रता दी गई। इससे सरकारी योजनाओं का लाभ लेने से वंचित 671 समुदायों को सूची में शामिल किया गया।

अनुसूचित जाति और जनजाति में बदलाव की प्रक्रिया

ओबीसी समुदायों के अलावा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की लिस्ट में भी बड़े बदलाव हुए हैं। 2011 की जनगणना के बाद से, अनुसूचित जाति की लिस्ट में मुख्य रूप से 44 नई प्रविष्टियां की गई हैं। वहीं, अनुसूचित जनजाति की लिस्ट में 27 नए समुदाय जोड़े गए हैं।

हालांकि, अनुसूचित जाति और जनजाति की सूची में बदलाव की प्रक्रिया ओबीसी की तुलना में अधिक जटिल है क्योंकि इसमें रजिस्ट्रार जनरल की अनुमति की आवश्यकता होती है।

मंडल आयोग की सिफारिशें और एनसीबीसी की भूमिका

मंडल आयोग, जिसे 1979 में स्थापित किया गया था, ने ओबीसी की पहचान के लिए सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक मानदंड तय किए। उसी के आधार पर एनसीबीसी जातियों को शामिल करने या हटाने की प्रक्रिया में अपनी भूमिका निभाता है।

सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव

ओबीसी लिस्ट में नए समुदायों को जोड़ना केवल सामाजिक न्याय का विषय नहीं है; यह राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। इससे वंचित वर्गों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा, जिससे उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

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