साल 2025 की शुरुआत केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए बड़ी खुशखबरी लेकर आई है। सरकार ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को मंजूरी देकर लाखों कर्मचारियों और पेंशनधारकों के वेतन व भत्तों में संशोधन की तैयारी कर ली है। यह कदम 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों की अवधि समाप्त होने से पहले नई संरचना सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। मार्च 2025 में सरकार महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) में बढ़ोतरी की भी घोषणा कर सकती है, जो 50 लाख से अधिक कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनधारकों के जीवन को प्रभावित करेगी।
महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी
हर साल केंद्र सरकार दो बार महंगाई भत्ते में संशोधन करती है। पहली छमाही (जनवरी-जून) के लिए भत्ते का फैसला आमतौर पर मार्च में लिया जाता है। इस बार उम्मीद है कि महंगाई भत्ता 3 से 4 फीसदी बढ़ सकता है, जो वर्तमान में 53 फीसदी पर है। यह कदम कर्मचारियों और पेंशनधारकों की आय में वृद्धि करते हुए उन्हें महंगाई के असर से बचाने का प्रयास है।
इस घोषणा से न केवल केंद्रीय कर्मचारियों के लिए आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि यह राज्य सरकारों और उनकी स्वामित्व वाली इकाइयों के लिए भी दिशा निर्धारित करेगा।
7वें वेतन आयोग का सफर और नया बदलाव
7वें वेतन आयोग का गठन 2014 में हुआ था, और इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू हुई थीं। इसके तहत वित्त वर्ष 2016-17 में सरकारी खर्चों में एक लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई थी। 7वें आयोग की अवधि 2026 में समाप्त हो रही है, और 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों को 2025 में लागू करने से यह सुनिश्चित होगा कि इस अवधि के बीच कर्मचारियों को किसी असमंजस का सामना न करना पड़े।
1947 के बाद से अब तक कुल सात वेतन आयोग गठित हो चुके हैं। यह आयोग सरकारी कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और अन्य लाभों को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
8वें वेतन आयोग का प्रभाव
नए वेतन आयोग के गठन से केंद्रीय कर्मचारियों को न केवल अधिक वेतन की उम्मीद है, बल्कि उनके भत्तों और पेंशन में भी सुधार होगा। इससे सरकारी खर्चों में वृद्धि होगी, लेकिन साथ ही यह लाखों परिवारों की आर्थिक स्थिरता को मजबूत करेगा। राज्य सरकारें भी अक्सर केंद्रीय सिफारिशों का पालन करती हैं, जिससे देशव्यापी प्रभाव देखने को मिलता है।