झारखंड में महिला सशक्तिकरण की दिशा में आज से एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण योजना “मईया सम्मान योजना” को फिर से शुरू किया है। इस योजना के तहत, राज्य में 18 से 50 वर्ष की 56 लाख महिलाओं को हर महीने ₹2500 की सम्मान राशि दी जाएगी। यह कार्यक्रम राज्य सरकार के गठन के बाद का सबसे अहम कदम माना जा रहा है, जिससे झारखंड की राजनीति और समाज में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है।
महिला सशक्तिकरण के लिए मईया सम्मान योजना की पुनः लॉन्चिंग
इस योजना को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा रांची के नामकुम स्थित मैदान में एक भव्य कार्यक्रम में लॉन्च किया गया। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस योजना को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सरकार ने दिसंबर 2024 से मार्च 2025 तक ₹5225 करोड़ की राशि जिलों में भेज दी है ताकि योजना के तहत धनराशि का समय पर वितरण सुनिश्चित हो सके।
इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को छोटे खर्चों के लिए आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें समाज में सम्मान दिलाना है।
पहले भी मिल चुका है योजना का लाभ
योजना के तहत झारखंड विधानसभा चुनावों से पहले महिलाओं को ₹1000 की तीन किस्तों का भुगतान किया गया था। बीजेपी और जेएमएम दोनों ने इसे चुनाव प्रचार का एक प्रमुख मुद्दा बनाया था। बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में महिलाओं को ₹2100 सम्मान राशि देने का वादा किया था, जबकि हेमंत सोरेन ने सत्ता में आने पर इसे बढ़ाकर ₹2500 करने की घोषणा की थी।
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन से हुई देरी
इस योजना को 28 दिसंबर 2024 को लॉन्च किया जाना था, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के कारण राष्ट्रीय शोक के चलते इसे टाल दिया गया। अब, दो महीने की राशि एक साथ ₹5000 के रूप में महिलाओं को दी जाएगी।
चुनाव में योजना का असर
झारखंड विधानसभा चुनावों में मईया सम्मान योजना को गेम चेंजर कहा गया। जानकारों के अनुसार, इस योजना ने महिलाओं के वोटों को बड़े पैमाने पर जेएमएम और इंडिया ब्लॉक की ओर आकर्षित किया।
2019 के चुनावों में, जेएमएम को 28 लाख वोट मिले थे, जबकि इस बार महिलाओं की भागीदारी 70-80% तक बढ़ने के बाद, जेएमएम को अकेले 34 सीटें मिलीं। कुल 56 सीटें इंडिया ब्लॉक के खाते में आईं।
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम
योजना के बारे में वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने बताया कि इससे महिलाएं बिंदी, टिकली और घरेलू खर्च के लिए किसी और पर निर्भर नहीं रहेंगी। इससे कर्ज लेने की प्रवृत्ति कम होगी और महिलाओं के आत्मसम्मान में वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे समाज में बदलाव लाने वाला कदम बताया है।
जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन का सपना
झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता शिबू सोरेन ने भी महिलाओं और आदिवासियों को कर्ज के मकड़जाल से बचाने का सपना देखा था। इस योजना को शोषण और महाजनी प्रथा के खिलाफ एक बड़ा कदम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह योजना समाज में आर्थिक और सामाजिक बदलाव लाएगी।
सुरक्षा और कार्यक्रम की तैयारियां
कार्यक्रम स्थल पर 4000 से अधिक पुलिसकर्मी सुरक्षा व्यवस्था संभालेंगे। लाखों महिलाओं के एकत्र होने की उम्मीद है।