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1000 रुपया बन जाएंगे 1.87 लाख रुपये, जानकर हो जाओगे हैरान

कैसे भारत की मुद्रा इंडोनेशिया की करेंसी से कई गुना मजबूत है? 1 रुपये की असली ताकत क्या है और क्यों पुराने सिक्के आज लाखों में बिक रहे हैं? जानिए रुपये और रुपिया के बीच का दिलचस्प फर्क और इसके ऐतिहासिक महत्व को!

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भारत में एक रुपये की बात करें तो आमतौर पर लोग इसे कम मूल्य का समझते हैं। हालांकि, असल में इसकी कीमत और महत्ता बहुत अधिक है। पुराने सिक्कों और नोटों की कलेक्शन करने वाले इसे संभालकर रखते हैं, और कई बार कुछ विशेष नोटों की कीमत हजारों या लाखों रुपये तक पहुंच जाती है।

भारत के रुपये की अंतरराष्ट्रीय पहचान

आज के डिजिटल युग में ऑनलाइन पेमेंट, यूपीआई, डेबिट और क्रेडिट कार्ड का चलन बढ़ गया है। भारत के रुपे कार्ड को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। इसे सिंगापुर, भूटान, मालदीव, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, म्यांमार, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और फ्रांस जैसे देशों में आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है। रुपे कार्ड से विदेशों में पीओएस मशीनों, ऑनलाइन दुकानों और एटीएम से भी लेन-देन किया जा सकता है।

इंडोनेशिया की करेंसी

हाल ही में गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इंडोनेशिया दक्षिण पूर्व एशिया का बड़ा देश है, जिसकी जनसंख्या लगभग 25 करोड़ है। इंडोनेशिया की करेंसी को रुपिया कहा जाता है।

भारत और इंडोनेशिया की करेंसी की तुलना

अगर हम भारतीय रुपये और इंडोनेशियाई रुपिया की तुलना करें, तो भारत की मुद्रा काफी मजबूत है। वर्तमान विनिमय दर के अनुसार:

  • 1 भारतीय रुपया = 187.98 इंडोनेशियाई रुपिया
  • 100 भारतीय रुपये = 18,798 इंडोनेशियाई रुपिया

इससे साफ है कि इंडोनेशियाई करेंसी भारत की तुलना में काफी कमजोर है।

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‘रुपया’ और ‘रुपिया’ में बड़ा अंतर

गूगल करेंसी कन्वर्टर के अनुसार, 1 इंडोनेशियाई रुपिया = 0.0053 भारतीय पैसे के बराबर होता है। यानी कि इंडोनेशिया की मुद्रा भारत की तुलना में बेहद कमजोर है।

बीते दौर की चवन्नी और अठन्नी की यादें

हमारे बचपन में पांच पैसे, दस पैसे, चवन्नी (25 पैसे) और अठन्नी (50 पैसे) का चलन था। एक जमाना था जब दादा-दादी से चवन्नी मिलना बहुत बड़ी बात होती थी। लेकिन रिजर्व बैंक ने 2011 में चवन्नी को बंद कर दिया, जिससे यह इतिहास बन गई।

एक रुपये का शुभ महत्त्व

भारत में 1 रुपये का सिक्का सिर्फ मुद्रा नहीं, बल्कि शुभ-लाभ का प्रतीक भी माना जाता है। शादी-ब्याह में शगुन देने के लिए 1 रुपये को बढ़ाकर 101, 501 या 1001 रुपये देना शुभ माना जाता है। धार्मिक दान-पुण्य में भी 1 रुपये का विशेष महत्व होता है।

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